गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के वाणिज्यिक पत्रों व कॉरपोरेट डेट में म्युचुअल फंडों का निवेश मार्च 2022 में सालाना आधार पर 14.3 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 1.7 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
केयर रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि एनबीएफसी की तरफ से आईपीओ फंडिंग के लिए वाणिज्यिक पत्र जारी किए जाने और लंबी अवधि के निवेश से अल्पावधि के निवेश की ओर जाने के कारण यह बढ़ोतरी देखने को मिली क्योंकि बाजार को ब्याज दरों में इजाफे की आशंका थी।
कुल मिलाकर मार्च 2021 से यह 21,000 करोड़ रुपये बढ़ा है।
एनबीएफसी के वाणिज्यिक पत्रों में निवेश सालाना आधार पर 25 फीसदी बढ़कर मार्च 2022 में 73,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जिसकी वजह एनबीएफसी की तरफ से आईपीओ फंडिंग के लिए वाणिज्यिक पत्र जारी किया जाना और लंबी अवधि के निवेश से अल्पावधि के निवेश की ओर बढ़ना है क्योंकि बाजार को ब्याज दरों में इजाफे की आशंका थी। कुल मिलाकर यह मार्च 2021 के मुकाबले 15,000 करोड़ रुपये बढ़ा। एमएफ की तरफ से एनबीएफसी के वाणिज्यिक पत्रों में निवेश की हिस्सेदारी मार्च 2022 में डेट एयूएम की 4.4 फीसदी रही, जो मार्च 2021 में 3.6 फीसदी रही थी।
इस बीच, एनबीएफसी के कॉरपोरेट डेट में निवेश सालाना आधार पर 7.4 फीसदी बढ़कर 97,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। प्रतिशत के लिहाज से भी हिस्सेदारी मार्च 2022 में 5.8 फीसदी हो गई, जो मार्च 2021 में 5.6 फीसदी रही थी।
एनबीएफसी के 90 दिन से कम वाले और 90 दिन से 182 दिन वाले वाणिज्यिक पत्र मार्च 2022 में सालाना आधार पर क्रमश: 17 फीसदी व 31 फीसदी बढ़कर 45,000 करोड़ रुपये व 11,000 करोड़ रुपये रहे, जिसकी वजह एनबीएफसी की तरफ से आईपीओ फंडिंग के लिए वाणिज्यिक पत्रों को जारी किया जाना रही। वहीं 182 दिन से लेकर एक साल वाले वाणिज्यिक पत्र 34 फीसदी घटकर 7,918 करोड़ रुपये रहे।
वाणिज्यिक पत्र व कॉरपोरेट डेट (182 दिन से एक साल) में निवेश का अनुपात मार्च 2022 में एनबीएफसी में कुल डेट फंड का 17.2 फीसदी रहा, जो मार्च 2021 में 14 फीसदी रहा था।