विश्लेषकों का मानना है कि इस सप्ताह घरेलू शेयर बाजारों में कारोबारी गतिविधियां मुख्य रूप से मुद्रास्फीति के आंकड़ों, वैश्विक बाजारों के रुझान और विदेशी पूंजी की चाल से तय होंगी।
विश्लेषकों के मुताबिक, शेयर बाजार के प्रतिभागी अदाणी समूह के संकट से संबंधित घटनाक्रम पर भी नजर रखेंगे। यह मामला करीब 20 दिनों से शेयर बाजार के लिए एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है।
स्वस्तिका इंवेस्टमेंट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘कच्चे तेल में उतार-चढ़ाव, डॉलर सूचकांक और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल भी अन्य अहम कारक होंगे। संस्थागत प्रवाह महत्वपूर्ण होगा क्योंकि जनवरी में लगातार बिकवाली के बाद FII की बिक्री में थोड़ी नरमी आई है।’
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने पिछले सप्ताह 144.73 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिक्री की। आने वाले हफ्ते में बाजार को भारत और अमेरिका के मुद्रास्फीति आंकड़ों का इंतजार रहेगा। दरअसल इन आंकड़ों से आने वाले समय में दोनों देशों के केंद्रीय बैंकों की नीतिगत दर वृद्धि को लेकर संभावित रुख का अंदाजा लगाया जा सकेगा।
अमेरिका और भारत में खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े मंगलवार को ही घोषित होने वाले हैं। पिछले हफ्ते, भारतीय रिजर्व बैंक ने मुख्य मुद्रास्फीति ऊंची रहने का हवाला देते हुए रीपो दर में 0.25 फीसदी की वृद्धि कर दी थी। अब रीपो दर 6.5 फीसदी हो गई है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि रीपो दर में 0.25 फीसदी की वृद्धि बाजार के अनुमानों के मुताबिक ही थी जिसका निवेशकों ने भी स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के अस्थिर समय में निवेशकों को मूल्यपरक खरीदारी की रणनीति पर चलना चाहिए।
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मूल्यांकन में गिरावट आने से स्मालकैप कंपनियां दीर्घावधि के लिए आकर्षक दिख रही हैं। आने वाले हफ्ते में अदाणी एंटरप्राइजेज के तिमाही नतीजे पर भी नजरें टिकी रहेंगी। इसके अलावा ग्रासिम, आयशर मोटर्स और सेल भी अपने तिमाही नतीजों की घोषणा करेंगी। पिछले हफ्ते बीएसई सेंसेक्स में 159.18 अंक यानी 0.26 फीसदी की गिरावट रही थी और यह सूचकांक 60,682.70 अंक पर बंद हुआ था।