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भारत ने 2021 में उभरते बाजार के प्रतिस्पर्धियों से बेहतर प्रदर्शन किया

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 1:33 AM IST

भारतीय बाजारों ने कैलेंडर वर्ष में अब तक (सीवाईटीडी) आधार पर अपने उभरते बाजार प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है। भारतीय बाजार को अनुकूल अल्पावधि और मध्यावधि कारकों की वजह से मदद मिली है। सीवाईटीडी आधार पर, प्रमुख सूचकांक निफ्टी डॉलर के संदर्भ में 17 प्रतिशत चढ़ा, जो उभरते बाजार के मुख्य सूचकांकों में अच्छा प्रतिफल है।
विश्लेषकों का कहना है कि मौजूदा समय में कोविड-19 महामारी में कमी आने की सकारात्मक खबरों और संबंधित आर्थिक एवं आय सुधार से भी भारतीय बाजार को मदद मिली है। कॉरपोरेट और घरेलू सेगमेंटों में निवेश चक्र में तेजी की बढ़ती उम्मीदों और नए बिजनेस मॉडलों वाली स्टार्टअप कंपनियों की सूचीबद्घता को लेकर पैदा हुए उत्साह से भी निफ्टी को शानदार प्रतिफल दर्ज करने में मदद मिली है। 

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भारतीय बाजार का मूल्यांकन संपूर्ण दिख रहा है और उसे वित्त वर्ष 2021-23 के दौरान मजबूत आय वृद्घि और अगले कुछ महीनों के दौरान ऊंची ब्याज दरों/बॉन्ड प्रतिफल की संभावनाओं से मदद मिली है।’ इसके अलावा छोटे निवेशकों की उत्साहजनक भागीदारी ने भी भारतीय बाजार को मजबूती प्रदान करने का काम किया है। 
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘कई उभरते बाजारों में इसकी मंदी आई थी, क्योंकि वहां वायरस का प्रसार तेजी से हुआ और इनमें दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस शामिल हैं। भारत में, हमने इस तथ्य की वजह से मजबूत खुदरा प्रवाह दर्ज किया कि वैश्विक बाजारों में स्थिति काफी अच्छी है। इसलिए हमने अन्य उभरते बाजारों जैसी बड़ी कमजोरी दर्ज नहीं की। इसके अलावा, भविष्य में टीकाकरण की रफ्तार भी तेज बने रहने की संभावना है। अर्थव्यवस्था और आय में तेजी आनी शुरू हो गई है तथा इससे बाजारों को मजबूती मिलेगी। आईपीओ से भी विदेशी निवेशकों के लिए पहले से ज्यादा विकल्प मिलेंगे।’ विश्लेषकों का यह भी कहना है कि चीन में सामान्य और प्रौद्योगिकी शेयरों के बाजार पूंजीकरण में भारी कमजोरी से सीवाईटीडी 2021 के ईएम प्रदर्शन नकारात्मक दायरे में पहुंच गए, जबकि विकसित बाजारों का प्रदर्शन अपेक्षाकृत मजबूत रहा है। 

हालांकि कुछ विश्लेषकों ने उभरते बाजारों के लिए तेजी को लेकर भरोसा जताया है। हॉलैंड ने कहा, ‘उभरते बाजारों ने काफी हद तक कमजोर प्रदर्शन किया है और निवेश विकसित बाजारों में गया है। अब यह माना जा रहा है कि उभरते बाजार पूरी तरह खुलने के बाद फिर से तेजी दर्ज करेंगे। हमें अभी विकसित बाजारों का पूरा लाभ नहीं मिल रहा है, जहां लोग बाहर निकल रहे हैं और खर्च कर रहे हैं।’ 

First Published : August 26, 2021 | 11:45 PM IST