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ताजा ग्रेडिंग में लार्जकैप, मिडकैप के कटऑफ में इजाफा

Amfi की अपग्रेड वाली सूची में सरकारी उपक्रमों का वर्चस्व, 5 सरकारी बैंक लार्जकैप में पहुंचे

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अभिषेक कुमार   
Last Updated- January 05, 2024 | 10:17 PM IST

साल 2023 की दूसरी छमाही में इक्विटी बाजारों में आई तेजी से लार्जकैप व मिडकैप के पात्र शेयरों के कटऑफ में भारी बढ़ोतरी हुई है। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) की ताजा सूची में सबसे छोटे लार्जकैप शेयर का बाजार पूंजीकरण 67,000 करोड़ रुपये है, जो जुलाई 2023 के मुकाबले 35 फीसदी ज्यादा है। मिडकैप के मामले में कटऑफ 26 फीसदी बढ़कर 22,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

एम्फी हर छह महीने में लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों की नई सूची जारी करता है। पिछले छह महीने में औसत मार्केटकैप के मुताबिक 100 अग्रणी शेयर लार्जकैप के पात्र होते हैं। अगले 150 शेयरों को मिडकैप माना जाता है जबकि बाकी स्मॉलकैप में शामिल होते हैं। लगातार उम्दा प्रदर्शन के कारण सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का लार्जकैप में शामिल होने वाले नए शेयरों की सूची में वर्चस्व है।

इनमें पावर फाइनैंस कॉरपोरेशन, इंडियन रेलवे फाइनैंस कॉरपोरेशन, आरईसी लिमिटेड, यूनियन बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक शामिल हैं। यह जानकारी नुवामा ऑल्टरनेटिव ऐंड क्वांटिटेटिव रिसर्च की रिपोर्ट से मिली। इन सरकारी उपक्रमों का छह महीने का औसत मार्केटकैप 43 से 117 फीसदी के बीच चढ़ा है।

पिछले पुनर्वर्गीकरण में पंजाब नैशनल बैंक, आईडीबीआई बैंक और केनरा बैंक मिडकैप से लार्जकैप बास्केट में चले गए थे। इनको शामिल करते हुए अब सार्वजनिक क्षेत्र के जिन बैंकों को अपग्रेड कर लार्जकैप की सूची में शामिल किया गया है, उनकी संख्या पांच हो गई है।

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हालिया रिपोर्ट में आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने कहा है कि स्मॉलकैप शेयरों की ऊपरी सीमा में बढ़ोतरी को देखते हुए शेयरों के वर्गीकरण का मौजूदा फॉर्मेट ऐसा करने का शायद सही तरीका नहीं है। ब्रोकरेज ने एक नोट में कहा कि वैश्विक स्तर पर स्मॉलकैप को उन शेयरों के तौर पर वर्गीकृत किया जाता है जिनके बाजार पूंजीकरण का दायरा 30 करोड़ डॉलर से 2 अरब डॉलर के बीच होता है, चाहे उनकी मार्केट कैप रैंकिंग कुछ भी हो। ऐसे में रैंक आधारित मौजूदा तरीके को बदलकर तय अंतराल वाले तरीके पर आधारित किया जाना चाहिए।

ताजा वर्गीकरण के मुताबिक, सबसे बड़े स्मॉलकैप का औसत मार्केटकैप 21,976 करोड़ रुपये (2.6 अरब डॉलर) है। जनवरी 2018 में सबसे बड़े स्मॉलकैप शेयर का मार्केटकैप 8,580 करोड़ रुपये था।

रिपोर्ट में कहा गया है, लार्ज व मिडकैप के क्षेत्र में नई सूचीबद्धता के साथ जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था का विस्तार होता है, मार्केट कैप के लिहाज से 251 वीं रैंकिंग हासिल करने वाले शेयर (स्मॉलकैप के लिए ऊपरी सीमा) में विस्तार जारी रहेगा और ये वैश्विक मानकों की पुष्टि शायद नहीं करेंगे।

लार्जकैप शेयरों में रिलायंस इंडस्ट्रीज 16.4 लाख करोड़ रुपये के एमकैप के साथ सबसे बड़ा शेयर बना हुआ है। सार्वजनिक कंपनियों के अलावा मैक्रोटेक डेवलपर और पॉलीकैब इंडिया मिडकैप से लार्जकैप में आ गई है।

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अगस्त 2023 में रिलायंस इंडस्ट्रीज से अलग हुई जियो फाइनैंशियल भी लार्जकैप की सूची में है। यूपीएल, अदाणी विल्मर, पीआई इंडस्ट्रीज, आईआरसीटीसी, बॉश, ट्यूब इन्वेस्टमेंट्स, संवर्धन मदरसन और हीरो मोटोकॉर्प जैसी कंपनी के साथ वह शामिल हो गई है।

स्मॉलकैप से मिडकैप में अपग्रेड किए गए शेयरों ने उन शेयरों से ज्यादा तेजी देखी है, जिन्हें मिडकैप से लार्जकैप में भेजा गया है। मझगांव डॉक, सुजलॉन एनर्जी, एसजेवीएन और कल्याण ज्वैलर्स का औसत एमकैप 2023 की दूसरी छमाही में पहली छमाही के मुकाबले दोगुने से भी ज्यादा हो गया है।

अन्य नाम हैं लॉयड मेटल्स, केईआई इंडस्ट्रीज, क्रेडिटएक्सेस ग्रामीण, एक्साइड इंडस्ट्रीज, निप्पॉन लाइफ एएमसी, अजंता फार्मा, नारायण हृदयालय और ग्लेनमार्क फार्मा। मिडकैप से बाहर निकलने वालों में राजेस एक्सपोर्ट्स, फाइजर, आरती इंडस्ट्रीज, विनाती ऑर्गेनिक्स, क्रॉम्पटन ग्रीव्स, व्हर्लपुल इंडिया, अतुल, नवीन फ्लोरीन आदि शामिल हैं।

नई सूचीबद्ध कंपनियों में टाटा टेक्नोलॉजिज, जेएसडब्ल्यू इन्फ्रास्ट्रक्चर और इरेडा मिडकैप बास्केट के लिए पात्र बनी हैं। बाकी स्मॉलकैप में हैं।

First Published : January 5, 2024 | 10:17 PM IST