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अमेरिकी रोजगार रिपोर्ट का असर, वैश्विक शेयर बाजारों में रही उथल-पुथल

पिछले दो दिनों के दौरान अमेरिका, यूरोपीय और ए​शियाई बाजारों में 3 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है।

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सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- August 04, 2024 | 9:47 PM IST

अनुमान से कमजोर अमेरिकी रोजगार आंकड़ों ने वै​श्विक बाजारों को ढलान पर ला दिया है। पिछले दो दिनों के दौरान अमेरिका, यूरोपीय और ए​शियाई बाजारों में 3 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है। दो वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में 15 आधार अंक तक की कमजोरी आई और तेल कीमतें भी गिर गई हैं।

जुलाई में अमेरिका में सिर्फ 1,14,000 नौकरियां जोड़ी गईं जो बाजार के 175,000 नौकरियों के अनुमान से कम है। इस आंकड़े से अमेरिका में ज्यादा उधारी दर को लेकर चिंता गहरा गई है और आशंका जताई जा रही है कि फेडरल रिजर्व (फेड) मंदी को टालने में विफल रह सकता है। भारतीय बाजारों में भी शुक्रवार को 1 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट आई और निफ्टी 24,718 पर बंद हुआ।

एएमपी इन्वेस्टमेंट्स में निवेश रणनीति के प्रमुख और मुख्य अर्थशास्त्री शेन ओलीवर ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि गिरावट का दौर आने वाला है। मुद्रास्फीति से जुड़ी अच्छी खबरों, कम ब्याज दरों की उम्मीद और सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के अनुकूल नतीजों के कारण जुलाई में शेयरों में तेजी आई। हमारा मानना है कि कम ब्याज दरें 6 से 12 महीने की अवधि में शेयरों को बढ़ावा देंगी, बशर्ते कि मंदी नहीं आए। हालांकि, आने वाले महीनों में, वैश्विक शेयरों में और गिरावट आ सकती है। इसलिए गिरावट पर खरीदना भी जल्दबाजी होगी।’

घरेलू बाजारों में गिरावट वै​श्विक प्रतिस्प​र्धियों के मुकाबले कम गंभीर है जिसकी वजह घरेलू तरलता समर्थन है। हालांकि, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर वैश्विक बाजारों में गिरावट जारी रही तो भारतीय बाजारों पर भी दबाव पड़ेगा।

रेलिगेयर ब्रोकिंग में वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्र ने कहा, ‘इस समय कमजोर वै​​श्विक रुझानों से धारणा प्रभावित हो रही है जिससे गिरावट और बढ़ सकती है। निफ्टी में अल्पाव​धि मूविंग एवरेज का संभावित रीटेस्ट संभव है जो अभी 24,550 स्तर के आसपास है। इस स्तर से नीचे अगर निर्णायक अवरोध आया तो तेजड़िए पीछे हट सकते हैं। अगला समर्थन 24,200 पर होगा। ऊपर की ओर, 25,100 मजबूत प्रतिरोध के रूप में काम करना जारी रखेगा।’

इंडिया वीआईएक्स सूचकांक भी शुक्रवार को 11.4 प्रतिशत चढ़कर 14.32 पर पहुंच गया क्योंकि व्यापारियों को इस सप्ताह अस्थिरता बढ़ने की आशंका है।

जियोजित फाइनैं​शियल सर्विसेज में मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘अमेरिका में रोजगार सृजन में भारी गिरावट और बढ़ती बेरोजगारी अमेरिका में मंदी की आशंका का संकेत है जिसे बाजार ने पहले ही खारिज कर दिया था। फेड द्वारा सितंबर में दर कटौती की संभावना ज्यादा है। इसकी वजह से 10 वर्षीय अमेरिकी बॉन्ड यील्ड तेजी से गिरकर 3.79 प्रतिशत रह गया। हालांकि यह उभरते बाजारों (ईएम) में पूंजी प्रवाह के लिए सकारात्मक है। लेकिन विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) भारत से ज्यादा पैसा निकालने पर विचार कर सकते हैं, क्योंकि यह वर्तमान में सबसे महंगा उभरता बाजार है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में घटनाक्रम और आगामी दिनों में बाजार की ​स्थिति से अगस्त में एफपीआई के रुझान तय होंगे।’

First Published : August 4, 2024 | 9:46 PM IST