मार्च से बैंकिंग शेयरों में आई गिरावट से आईसीआईसीआई बैंक के मुकाबले एचडीएफसी बैंक के मूल्यांकन में कमी आई है और यह वित्त वर्ष 2019 की आय के 4.2 गुने के मुकाबले वित्त वर्ष 2021 की अनुमानित आय का 2.8 फीसदी रह गया है। इस बीच आईसीआईसीआई बैंक का मूल्यांकन वित्त वर्ष 2019 की आय के 1.8 गुने के मुकाबले वित्त वर्ष 2021 की अनुमानित आय के 1.9 गुने पर पहुंच गया है।
दूसरे शब्दों में एचडीएफसी का मूल्यांकन प्रीमियम (जो पिछले दशक में ज्यादातर समय आईसीआईसीआई बैंक के मुकाबले दोगुना रहा था) तेजी से घट रहा है। आईसीआईसीआई बैंक के मुकाबले 37 फीसदी प्रीमियम पर यह अंतर एक दशक के निचले स्तर पर है। यहां तक कि वित्त वर्ष 2020 के आधार पर भी यह आंकड़ा एक दशक का निचला स्तर है।
दोनों शेयरों के बीच अंतर अब उनकी बैलेंस शीट के आकार के बारे में बता रहा है। वित्त वर्ष 2020 में एचडीएफसी बैंक की बैलेंस शीट का आकार 10.03 लाख करोड़ रुपये था, जो आईसीआईसीआई बैंक के 6.45 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 36 फीसदी ज्यादा है। ऐसे में कौन सी चीजें इस प्रवृत्ति को सही ठहराती है और यह कितना टिकाऊ है? निम्न मानक इसका जवाब दे सकते हैं।
परिसंपत्ति गुणवत्त्ता की तस्वीर
आंकड़े बताते हैं कि दोनों बैंकों के बीच अंतर वित्त वर्ष 2016 से और स्पष्ट नजर आने लगा था क्योंकि आईसीआईसीआई बैंक अपने बही-खाते दुरुस्त करने में शिद्दत से जुटा था, जो बैंक की बढ़त की कीमत पर हुआ। वित्त वर्ष 2020 में बैंंक ने पुराने कर्ज का मसला कमोबेश सुलझा लिया है, ऐसे में बाजार ने बेहतर गुणक देना शुरू कर दिया है।
दूसरी ओर, एचडीएफसी बैंक का सकल एनपीए अनुपात बढ़ रहा है और एक फीसदी के पार निकल गया है। वित्त वर्ष 2017 से अब तक बैंक का सकल एनपीए 1.1 फीसदी से वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में 1.4 फीसदी पर पहुंच गया। हालांकि शुद्ध एनपीए अनुपात एक फीसदी से कम है। ये आंकड़े अभी भी इस क्षेत्र में सबसे अच्छे हैं।
इसके उलट वित्त वर्ष 2018 में आईसीआईसीआई बैंक का सकल एनपीे 9.5 फीसदी के उच्चस्तर पर पहुंचने के बाद पहली तिमाही में घटकर 6 फीसदी रह गया, वहीं शुद्ध एनपीए 1.5 फीसदी पर आ गया, जो परिसंपत्ति गुणवत्ता समीक्षा के पूर्व स्तर से नीचे है। कोटक इंस्टिट्यशनल इक्विटीज के विश्लेषकों का मानना है कि आईसीआईसीआई बैंक अपनी परिसंपत्ति गुणवत्त्ता में और सुधार देख सकता है जबकि एचडीएफसी बैंक की परिसंपत्ति गुणवत्त्ता में मामूली गिरावट आ सकती है।
कर्ज की स्थिति
खुदरा और थोक कर्ज की संरचना ने भी आईसीआईसीआई बैंक को लेकर बाजार को अपनी अवधारणा में सुधार लाने में मदद की है। परिसंपत्ति गुणवत्ता समीक्षा से आईसीआईसीआई बैंक ने सबक लिया और अब उसके पास एचडीएफसी बैंक के मुकाबले खुदरा कर्ज की हिस्सेदारी ज्यादा है। प्राथमिक तौर पर खुदरा लेनदार के तौर पर मशहूर एचडीएफसी बैंक की खुदरा परिसंपत्ति में हिस्सेदारी विभिन्न वर्षों में लगातार घटी है और पहली तिमाही में यह 47.3 फीसदी रह गई यानी यह वित्त वर्ष 2015 के स्तर पर आ गई।
इसके अलावा आईसीआईसीआई बैंक के लोनबुक में असुरक्षित पोर्टफोलियो का हिस्सा कम है। एचडीएफसी बैंक के खुदरा कर्ज के 16.6 फीसदी असुरक्षित पोर्टफोलियो की तुलना में आईसीआईसीूआई बैंक की खुदरा परिसंपत्ति का आधा हिस्सा होम लोन से आता है। साथ ही असुरक्षित पोर्टफोलियो आईसीआईसीआई बैंक के रिटेल लोन खाते का 9.4 फीसदी पर सीमित है।
महत्वपूर्ण यह है कि आईसीआईसीआई बैंक अपना खुदरा लोनबुक का कुल पोर्टफोलियो के मुकाबले तेजी से विस्तार कर रहा है और यह पहली तिमाही में सालाना आधार पर 20 फीसदी बढ़ा। उधर, एचडीएफसी बैंक के खुदरा लोनबुक की रफ्तार पहली तिमाही में घटकर 7 फीसदी रह गई। हालांकि ऐक्सिस सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने कहा कि एचडीएफसी बैंक के चुनिंदा उधारी मानक और मजबूत जोखिम प्रबंधन, परिचालन के मोर्चे पर प्रदर्शन को स्थिर रखेंगे।
मूल्यांकन की प्रवृत्ति
बर्नस्टीन रिसर्च के गौतम चुगानी का मानना है कि मूल्यांकन में और कमी की गुंजाइश है। परिसंपत्ति गुणवत्ता के मोर्चे पर प्रतिकूल स्थिति से अनुमान बदल सकते हैं। जेफरीज के प्रभाकर शर्मा का मानना है कि परिसंपत्ति गुणवत्ता के मसले पर ध्यान देने के लिए आईसीआईसीआई बैंक ने पूरी व्यवस्था कर रखी है।