जीएमआर वरोरा एनर्जी लिमिटेड ने 3,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के कर्ज के लिए भारतीय स्टेट बैंक और ऐक्सिस बैंक की अगुआई वाले लेनदारों संग कर्ज पुनर्गठन करार पर हस्ताक्षर किए हैं।
बीमार बिजली कंपनी का स्वामित्व बीएसई में सूचीबद्ध जीएमआर पावर ऐंड अर्बन इन्फ्रा लिमिटेड (जीपीयूआईएल) के पास है।
जीपीयूआईएल ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) को सूचित किया, कर्ज का भुगतान 15 साल में किया जाएगा, जो सात साल में चुकाया जाना था।
इंटर क्रेडिटर करार पर हस्ताक्षर करने वाले लेनदारों ने समाधान योजना को मंजूरी दे दी है। समाधान योजना 1 अप्रैल, 2021 से प्रभावी होगी।
जीएमआर वरोरा एसपीवी है, जिसका प्रवर्तन जीएमआर समूह ने महाराष्ट्र के वरोरा में कोयला आधारित 600 मेगावॉट की तापीय बिजली परियोजना के विकास के लिए किया है। बिजली संयंत्र की पहली यूनिट अगस्त 2012 में चालू होनी थी, लेकिन यह मार्च 2013 में चालू हुई। दूसरी यूनिट सितंबर 2013 में चालू हुई।
करार की शर्तों के मुताबिक, वर्किंग कैपिटल कंसोर्टियम की तरफ से आवंटित 580 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी की मौजूदा सुविधा जारी रहेगी। मौजूदा क्रेडिट को दो भागों में बांटा गया है – सस्टेनेबल लोन व अनसस्टेनेबल क्रेडिट।
करीब 2,350 करोड़ रुपये के सस्टनेबल डेट पर ब्याज की दर संशोधित कर 8.50 फीसदी की गई है और 788 करोड़ रुपये के अनसस्टेनेबल डेट (अर्जित ब्याज समेत) पर ब्याज दर 0.01 फीसदी होगी।