Corporate Earnings Q1, 2023: ब्रोकरेज को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में निफ्टी 50 कंपनियों की कुल आय एकल अंक में बढ़ने के बावजूद उनका मुनाफा दो अंक में बढ़ सकता है। बैंकों, वाहन विनिर्माताओं तथा तेल एवं गैस क्षेत्र की कंपनियों की अगुआई में निफ्टी 50 कंपनियों के समेकित शुद्ध मुनाफे (consolidated net profit) में वृद्धि होने की उम्मीद है जबकि अन्य क्षेत्रों का मुनाफा वृद्धि नरम रह सकती है।
ब्रोकरेज फर्मों के अनुमान के मुताबिक निफ्टी 50 कंपनियों (अदाणी एंटरप्राइजेज को छोड़कर) का कुल शुद्ध मुनाफा जून 2023 तिमाही में 1.71 लाख करोड़ रुपये रह सकता है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के 1.4 लाख करोड़ रुपये से 22.4 फीसदी अधिक है। इन कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही के 1.68 लाख करोड़ रुपये से 2.2 फीसदी अधिक रहने का अनुमान है।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनियों के मुनाफे में वृद्धि मुख्य रूप से मार्जिन में इजाफे की बदौलत होगी न कि ज्यादा बिक्री और आय वृद्धि की वजह से। विश्लेषकों का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में कंपनियों की आय वृद्धि में नरमी बनी रह सकती है। आय में नरम वृद्धि होने से कंपनियों की आय में मौजूदा वृद्धि बने रहने पर भी संदेह होता है।
हमारे नमूने में शामिल निफ्टी की 49 कंपनियों का विश्लेषण बताता है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कुल शुद्ध बिक्री (बैंकों, गैर-बैंक ऋणदाताओं के मामले में शुद्ध ब्याज आय) अप्रैल-जून, 2022 से महज 6.7 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है, जो 10 तिमाही में सबसे कम है। पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में कुल बिक्री 15.2 फीसदी बढ़ी थी।
हमारे नमूने में शामिल कंपनियों की कुल शुद्ध आय चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 13.26 लाख करोड़ रुपये रह सकती है जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 12.83 लाख करोड़ रुपये थी।
वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में लगभग सभी क्षेत्र की कंपनियों की आय वृद्धि सुस्त रह सकती है और धातु एवं खनन तथा तेल एवं गैस कंपनियों का प्रदर्शन सबसे कमजोर रह सकता है। उत्पादों की कम कीमत और बिक्री में मामूली वृद्धि के कारण इन दोनों क्षेत्रों की ज्यादातर कंपनियों की शुद्ध आय साल भर पहले की तिमाही के मुकाबले घट सकती है।
पिछली कुछ तिमाहियों की ही तरह चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भी बैंकों और गैर-बैंक ऋणदाताओं के मुनाफे में सबसे ज्यादा वृद्धि होने की उम्मीद है। वाहन कंपनियों एवं सार्वजनिक क्षेत्र की तेल मार्कटिंग कंपनियों को भी तगड़ा मुनाफा होने का अनुमान है।
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मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही के अनुमान में कहा है, ‘कंपनियों के कुल लाभ में होने वाली वृद्धि में एक बार फिर चक्रीय क्षेत्रों जैसे बीएफएसआई एवं वाहन का अहम योगदान होगा। इन क्षेत्रों का मुनाफा 47 फीसदी बढ़ सकता है, जबकि उपभोक्ता कंपनियों का मुनाफा साल भर पहले की तुलना में 19 फीसदी और आईटी का 16 फीसदी बढ़ सकता है।’
धातु एवं खनन कंपनियों, कच्चा तेल उत्पादकों, फार्मा, कृषि रसायन विनिर्माताओं और बीमा कंपनियों के मुनाफे में कमी के आसार हैं।
निफ्टी 50 में शामिल 11 बैंकों, वित्तीय और बीमा कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 35,851 करोड़ रुपये की तुलना में 46.8 फीसदी बढ़कर 52,616 करोड़ रुपये रह सकता है। उनकी शुद्ध ब्याज आय भी 31.7 फीसदी बढ़कर 1.67 लाख करोड़ रुपये रह सकती है। इसकी तुलना में गैर-बीएफएसआई (non-BFSI) कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 1.04 लाख करोड़ रुपये से केवल 14 फीसदी बढ़कर करीब 1.19 लाख करोड़ रुपये रह सकता है। गैर-बीएफएसआई कंपनियों की कुल शुद्ध आय 3.8 फीसदी बढ़कर 11.58 लाख करोड़ रुपये रह सकती है।
अलग-अलग कंपनियों की बात करें तो चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कंपनियों की कुल मुनाफा वृद्धि में भारत पेट्रोलियम, भारतीय स्टेट बैंक (SBI), टाटा मोटर्स (Tata Motors), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) और एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) का योगदान सबसे ज्यादा रहेगा। कुल शुद्ध मुनाफा वृद्धि में इन 5 कंपनियों का करीब 35,000 करोड़ रुपये का योगदान होगा। मगर टाटा स्टील (Tata Steel), ओएनजीसी (ONGC), हिंडाल्को (Hindalco), कोल इंडिया (Coal India) और रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) इस मोर्चे पर कुछ पिछड़ सकती हैं।