पिछले दो वर्षों में शुरू हुए और मार्च के बाद अपनी कोष उगाही प्रक्रिया पूरी करने की कवायद से जूझ रहे कई क्लोज-एंडेड वैकल्पिक निवेश फंडों (एआईएफ) ने कोविड-19 की वजह अपनी कोष जुटाने की कोशिश को आगे बढ़ा दिया है। उदाहरण के लिए, कई निजी इक्विटी-केंद्रित एआईएफ कोष उगाही और पूंजी निवेश के लिए निर्धारित कार्य अवधि के साथ क्लोज-एंडेड फंडों के तौर पर पुनर्गठित हैं। कोष उगाही सामान्य तौर पर किसी फंड के शुरू होने से एक-दो वर्षों के लिए बढ़ाई जाती है। कोष इस्तेमाल में 4 से 5 साल लग सकते हैं और इससे बाहर होने में अन्य 4-5 साल का समय लग सकता है।
खेतान ऐंड कंपनी में पार्टनर डी. सिंह ने कहा, ‘कोरोना महामारी के दौरान ये सभी तीनों चक्र प्रभावित हुए हैं। हालांकि प्रतिबद्घताएं देखी जा रही हैं, लेकिन हम अचानक लॉकडाउन और निवेशक धारणों में कमजोरी की वजह से फंडों द्वारा अपने कोष उगाही चक्र में विस्तार करते देख रहे हैं।’
मौजूदा समय में बाजार नियामक सेबी के पास करीब 700 एआईएफ फंड पंजीकृत हैं। ऐसे करीब 10-15 प्रतिशत फंडों की कोष उगाही गतिविधियां महामारी की वजह से प्रभावित होने का अनुमान है।
एक एआईएफ फंड प्रबंधक ने कहा, ‘हमारा दूसरा फंड पिछले साल शुरू हुआ था और इसके तहत 600 करोड़ रुपये की रकम जुटाने का लक्ष्य रखा गया था। हमने करीब 700 करोड़ रुपये जुटाए, लेकिन कोष उगाही पिछले कुछ महीनों में प्रभावित हुई है, क्योंकि कार्यालय बंद रहने से निवेशक पैसा लगाने में सक्षम नहीं हो पाए हैं और सभी कार्य ऑनलाइन के जरिये संभालना मुश्किल हो गया है।’
सिंह ने कहा कि इस समय अपनी कोष उगाही के लिए तैयार माने जा रहे परिसंपत्ति प्रबंधकों ने अब अपनी योजनाएं इस साल के अंत तक बढ़ा दी हैं।
