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अदाणी-हिंडनबर्ग मामला: सेबी ने 22 मामलों में जांच पूरी की, 29 अगस्त को होगी SC में सुनवाई

Adani-Hindenburg मामले को लेकर रिपोर्ट में SEBI ने कहा है कि 24 में से 22 मामलों की जांच अब पूरी हो चुकी है और दो मामलों की जांच चल रही है

Last Updated- August 25, 2023 | 9:27 PM IST
Adani Group

अदाणी समूह के ​खिलाफ अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पूरी कर ली है। बाजार नियामक ने आज कहा कि उसने कुल 24 मामलों में से 22 की जांच पूरी कर ली है और इस बारे में स्थिति रिपोर्ट सर्वोच्च न्यायालय में जमा भी करा दी है।

अपनी रिपोर्ट में सेबी ने कहा है कि 24 में से 22 मामलों की जांच अब पूरी हो चुकी है। दो मामलों की जांच चल रही है। इन मामलों में न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता नियमों, अधिग्रहण के कायदों, संबंधित पक्ष के साथ लेनदने के नियमों के संभावित उल्लंघन के साथ ही शेयर भाव में हेरफेर करने और भेदिया कारोबार के नियमों के संभावित उल्लंघन की जांच की गई है।

इससे पहले 14 अगस्त को सौंपी ​स्थिति रिपोर्ट में सेबी ने कहा था कि उसने 17 मालों की जांच पूरी कर लही है। उसने सभी मामलों की जांच पूरी करने के लिए 15 दिन की मोहलत भी मांगी थी।

सेबी ने 12 विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) और एक विदेशी इकाई की संलिप्तता वाले एक मामले की जांच में आगे की कार्रवाई के लिए विदेशी नियामकों और इकाइयों से जानकारी मांगी है। जानकारी यह पता लगाने के लिए मांगी गई है कि गौतम अदाणी के नेतृत्व वाले समूह की सूचीबद्ध कंपनियों में न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता नियमों का उल्लंघन तो नहीं किया गया।

सेबी ने कहा था, ‘इन विदेशी निवेशकों से संबंधित कई इकाइयां उन देशों में हैं, जहां बहुत कम कर लगता है। इसलिए 12 FPI के लाभार्थी शेयरधारकों का पता लगाना चुनौती भरा बना हुआ है। मगर 5 देशों से इस बारे में ब्योरा जुटाने का प्रयास किया जा रहा है।’

एक जांच इस बात की भी चल रही है कि जनवरी में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट प्रकाशित होते समय भेदिया कारोबार का उल्लंघन तो नहीं किया जा रहा था। इसमें भी सेबी विदेशी इकाइयों से जानकारी मिलने का इंतजार कर रहा है।

इस बीच बाजार नियामक ने जनवरी 2021 से अक्टूबर 2022 के बीच अदाणी पावर, अंबुजा सीमेंट और अदाणी ग्रीन में भेदिया कारोबार के उल्लंघन के आरोपों पर अपनी जांच पूरी कर ली है। अदाणी समूह की 7 कंपनियों के शेयर भाव और कारोबार की मात्रा में हेरफेर की आशंका की जांच करते समय 3 FPI के समूह के ट्रेडिंग के तरीके की पड़ताल की है। सेबी ने उल्लेख किया कि उसने 34.7 करोड़ ट्रेड की जांच की है।

​स्थिति रिपोर्ट में सेबी ने बताया कि 1 अप्रैल 2005 से 31 मार्च 2023 के बीच संबंधित पक्ष के लेनदेन से जुड़े 13 मामलों की जांच पूरी हो गई है, जिसमें देखा गया कि वित्तीय विवरणों में किसी तरह की हेरफेर या गड़बड़ी तो नहीं की गई।

सेबी ने अदाणी एंटरप्राइजेज, अदाणी इन्फ्रा, अदाणी पावर, अदाणी माइनिंग, अदाणी ग्लोबल के कई कंपनियों के साथ हुए संबंधित पक्ष लेनदेन तथा कर्ज के लेनदेन की जांच की है। इन कंपनियों में एनक्यूएक्सटी, एडिकॉर्प, कारमाइकल रेल ऐंड पोर्ट सिंगापुर होल्डिंग्स, रहवर इन्फ्रास्ट्रक्चर, माइलस्टोन ट्रेडलिंक्स और पीएमसी प्रोजेक्ट्स शामिल हैं।

बाजार नियामक ने अपनी जांच का पूरा ब्योरा दिया है, जिसमें भेजे गए ईमेल, जांच किए गए दस्तावेजों की संख्या, व्य​क्तिगत सुनवाई और शेयर खरीदफरोख्त का विश्लेषण शामिल हैं। मगर सेबी ने यह नहीं बताया कि किसी तरह के उल्लंघन का पता चला अथवा नहीं।

सर्वोच्च न्यायालय में मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी। शीर्ष अदालत ने 12 मार्च को सेबी को निर्देश दिया था कि वह दो महीने के अंदर जांच पूरी करे। मई में सेबी के अनुरोध पर उसने तीन महीने की मोहलत देते हुए 14 अगस्त तक जांच पूरी करने के लिए कहा था। बाद में सेबी को 15 दिन की मोहलत और मिल गई थी।

First Published - August 25, 2023 | 9:27 PM IST

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