बीएसई-500 के करीब 75 प्रतिशत या 372 शेयर अपने सर्वाधिक ऊंचे स्तरों से कम से कम 10 प्रतिशत नीचे कारोबार कर रहे हैं, जबकि यह सूचकांक बुधवार को दिन के कारोबार में बीएसई पर 20,515 अंकों की ऊंचाई को छू चुका है, जो 12 मार्च के उसके 20,390 के पिछले ऊंचे स्तर से अधिक है। सूचकांक का बीएसई पर सूचीबद्घ कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में करीब 93 प्रतिशत का योगदान है और यह 19 अप्रैल को अपने 19,983 के ताजा निचले स्तर से 8 प्रतिशत मजबूत हुआ है। इसकी तुलना में, बीएसई के सेंसेक्स में समान अवधि में 6 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई, लेकिन वह 16 फरवरी के अपने 52,517 के सर्वाधिक ऊंचे स्तरों से करीब 4.5 प्रतिशत दूर है।
विश्लेषकों ने बीएसई-500 के ज्यादातर शेयरों में कमजोरी के लिए क्षेत्रों के अलग अलग प्रदर्शन को जिम्मेदार माना है, जिसमें निवेशक ऐसे क्षेत्रों के शेयर खरीदते हैं जिनमें भविष्य में अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना रहती है। विश्लेषकों का कहना है कि मोटे तौर पर, छोटे निवेशक इस तेजी के मुख्य वाहक होते हैं, लेकिन लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप क्षेत्र में विदेशी निवेशक भी अपनी खरीदारी में चयन पर खास जोर देते हैं।
आईडीबीआई कैपिटी के शोध प्रमुख ए के प्रभाकर ने कहा, ‘नए जमाने के व्यवसाय पारंपरिक क्षेत्रों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं और इसका असर उनकी शेयर कीमतों में दिखा है क्योंकि निवेशक ऐसे शेयरों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। निवेशकों की धारणा में बदलाव आया है। इसके अलावा, सरकारी नीति प्रमुख कारक है जिससे आधुनिक व्यवसायों को उनके पारंपरिक समकक्षों के मुकाबले व्यवसाय करने में ज्यादा मदद मिल रही है। मीडिया एक ऐसा उदाहरण है जिसमें लोग अब टेलीविजन के मुकाबले डिजिटल फॉर्मेट में खबरों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं।’ आंकड़ों से भी इसकी पुष्टि हुई है। 372 शेयरों में से, 125 की कीमतें अपने सर्वाधिक ऊंचे स्तरों से 50 प्रतिशत नीचे हैं, जिनमें सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंक (इंडसइंड बैंक, आरबीएल बैंक, बंधन बैंक, डीसीबी), और ओएनजीसी, ऑयल इंडिया जैसी तेल एवं गैस कंपनियां, दिलीप बिल्डकॉन, आईआरबी इन्फ्रा, अशोका बिल्डकॉन जैसी इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनियां, एनएमडीसी, कोल इंडिया, एमएमटीसी जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की धातु एवं खनन कंपनियां, सनटीवी और जी एंटरटेनमेंट जैसी मीडिया एवं एंटरटेनमेंट कंपनियां और वोडाफोन आइडिया, डीएलएफ, इंडियाबुल्स समूह के शेयर जैसे अन्य शेयर शामिल हैं।
जहां आरआईएल, एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, लार्सन ऐंड टुब्रो, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनैंस कॉरपोरेशन (एचडीएफसी), और भारती एयरटेल अभी भी अपने सर्वाधिक ऊंचे स्तरों से 10 प्रतिशत और 16 प्रतिशत नीचे कारोबार कर रहे हैं, वहीं आईटीसी, मारुति सुजूकी इंडिया और सन फार्मास्युटिकल्स इंडस्ट्रीज अपने सर्वाधिक ऊंचे स्तरों से 32-41 प्रतिशत नीचे कारोबार कर रहे हैं। हालांकि अदाणी ट्रांसमिशन, बालकृष्ण इंडस्ट्रीज, यूपीएल, वेंकीज (इंडिया), अल्काइल अमाइंस केमिकल्स और टाटा कॉफी में पिछले एक महीने के दौरान 28-56 प्रतिशत के बीच तेजी आई। अरिहंत कैपिटल के शोध प्रमुख अभिषेक जैन का कहना है, ‘कुछ अनुभवी निवेशक दबाव झेल चुके क्षेत्रों (होटल, रिटेल आदि जैसे डिस्क्रेशनरी खर्च से संबंधित) के अच्छी गुणवत्ता के मिडकैप और स्मॉलकैप का चयन कर रहे हैं, जिन्हें लॉकडाउन के बाद दीर्घावधि में लाभ मिलेगा।’
मूल्यांकन संबंधित चिंताओं के बावजूद विश्लेषक मिडकैप और स्मॉलकैप के लिए आगामी संभावनाओं पर सकारात्मक बने हुए हैं और उन्हें 2021 में इनका प्रदर्शन लार्जकैप प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले बेहतर रहने की संभावना है।