फैशन रिटेलर ट्रेंट का शेयर 3.1 फीसदी चढ़कर 6,999 रुपये की रिकॉर्ड कीमत पर बंद हुआ। कंपनी में यह बढ़त निफ्टी सूचकांकों में हर छमाही में होने वाले बदलावों के बीच मिली है। टाटा समूह की कंपनी फार्मा कंपनी डिवीज लैबोरेटरीज की जगह ले सकती है। हाल में कंपनी के चेयरमैन नोएल टाटा ने एक अखबार के साथ बातचीत में कहा था कि कंपनी में मौजूदा स्तर से 10 गुना बढ़ने की क्षमता है। इससे भी कंपनी के शेयर को बढ़त मिली है। ट्रेंट का शेयर मजबूत वित्तीय प्रदर्शन के कारण 2.4 गुना बढ़ गया है।
नुवामा अल्टरनेटिव ऐंड क्वांटिटेटिव को उम्मीद है कि निफ्टी में शामिल होने से इस शेयर में 4,180 करोड़ रुपये का निवेश आ सकता है। ब्रोकरेज का अनुमान है कि सरकार के स्वामित्व वाली भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (बीईएल) निफ्टी 50 सूचकांक में सॉफ्टवेयर कंपनी एलटीआई माइंडट्री की जगह लेगी। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स में 3,170 करोड़ रुपये का निवेश आ सकता है। दूसरी ओर, डिवीज लैब और एलटीआई माइंडट्री में निफ्टी 50 सूचकांक से हटाए जाने पर 2,200 करोड़ रुपये और 1,750 करोड़ रुपये की निकासी हो सकती है।
ट्रेंट के निफ्टी में शामिल हो जाने पर इस सूचकांक में टाटा समूह के कुल कंपनियों की संख्या बढ़कर 6 हो जाएगी। फिलहाल टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा मोटर्स, टाइटन, टाटा स्टील और टाटा कंज्यूमर निफ्टी में शामिल हैं। भारत इलेक्ट्रॉनिक के शामिल हो जाने से सार्वजनिक उपक्रमों की संख्या बढ़कर सात हो जाएगी।
निफ्टी, सेंसेक्स और एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स जैसे प्रमुख सूचकांकों में शामिल होना कंपनियों के लिए कुछ समय के लिए वरदान जैसा होता है, जिससे इनमें पैसिव निवेश शुरू हो जाता है। मगर जानकार चेताते हैं कि यह फायदा अक्सर मध्यम अवधि में खत्म हो जाता है। इसका बड़ा कारण है कि सूचकांक अक्सर उन शेयरों को जोड़ते हैं जिनमें पहले से ही भारी बढ़ोतरी हो चुकी होती है, जिसके बाद उनमें अतिरिक्त उछाल की गुंजाइश सीमित हो जाती है।