इस साल प्रवर्तकों और प्राइवेट इक्विटी/वेंचर कैपिटल (पीई/वीसी) निवेशकों की तरफ से की गई हिस्सेदारी बिक्री पहले ही पिछले साल के मुकाबले दोगुने से ज्यादा हो गई है। इस कैलेंडर वर्ष में अब तक इनकी बिकवाली 87,400 करोड़ रुपये से ज्यादा की रही है, जो साल 2022 में प्रवर्तकों व पीई/वीसी की तरफ से हुई 39,700 करोड़ रुपये की बिकवाली का 2.2 गुना है।
इस साल की तेजी को अदाणी समूह के प्रवर्तकों की तरफ से हुई हिस्सेदारी बिक्री से मजबूती मिली। कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज ने एक नोट में कहा है, बल्क व ब्लॉक डील के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि साल 2023 में प्रवर्तकों की तरफ से बिकवाली का आंकड़ा पिछले छह साल का सर्वोच्च स्तर है।
हालांकि हमने पाया कि अदाणी समूह के प्रवर्तकों ने 37,000 करोड़ रुपये की बिकवाली की, जो साल 2023 में प्रवर्तकों की तरफ से हुई कुल बिकवाली का करीब 40 फीसदी बैठता है।
इस साल अब तक ऑटोमोबाइल व कंपोनेंट, कैपिटल गुड्स, इलेक्ट्रिक यूटिलिटीज, आईटी सेवा और परिवहन क्षेत्र की हिस्सेदारी प्रवर्तकों की कुल बिक्री में सबसे ज्यादा रही है, वहीं बीमा और आईटी सेवा की हिस्सेदारी प्रवर्तकों की बिक्री में 2018-22 के दौरान सबसे ज्यादा रही थी।
नोट में कहा गया है, प्रवर्तकों की तरफ से बिकवाली मोटे तौर पर रणनीतिक बाध्यताएं (कर्ज प्रबंधन) को प्रतिबिंबित करती है, वहीं पीई की तरफ से बिकवाली कीमत को प्रतिबिंबित करती है। देसी निवेशकों ने इस बिकवाली का बड़ा हिस्सा खरीदा। द्वितीयक बाजार में तेजी ने भी इस बिकवाली को प्रोत्साहित किया।
निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 27 फीसदी चढ़ा है, वहीं निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में 30 फीसदी की उछाल आई है। दोनों ने ही बेंचमार्क के मुकाबले उम्दा प्रदर्शन किया है, जो 7.4 फीसदी ऊपर है। इस साल बड़ी हिस्सेदारी बेचने वाले पीई निवेशकों में बेन कैपिटल (एलऐंडटी फाइनैंस, ऐक्सिस कैपिटल का हिस्सा बेचा), सिकोया कैपिटल (गो फैशंस), टीपीजी (फाइव स्टार बिजनेस, कैंपस ऐक्टिववियर) और बेरिंग पीई एशिया (कोफोर्ज) शामिल हैं।