PTI
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को स्पष्ट किया कि दूसरे देशों में जहां अधिक कोरोना (Covid-19) के मामले मिल रहे हैं वहां के जरिए भारत आने वाले यात्रियों को अनिवार्य रूप से नेगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट अपने साथ रखनी होगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने चीन, सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग, कोरिया, थाईलैंड और जापान जैसे देश जहां कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं वहां से आने वाले किसी भी देश के यात्रियों से यात्रा से 72 घंटे पहले की नेगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट मांगी है। आदेश 1 जनवरी, 2023 से प्रभावी हो गया है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव लव अग्रवाल ने नागरिक उड्डयन सचिव राजीव बंसल को पत्र लिखकर कहा है, ‘किसी भी भारतीय हवाईअड्डे पर आने से पहले उनके मूल देशों के बावजूद ऊपर उल्लिखित देशों के माध्यम से यात्रियों को स्थानांतरित करने पर भी लागू होगा।’ इन देशों में बढ़ते कोरोना के मामले ने भारत में भी खतरे की घंटी बजा दी है। राज्यों ने किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयारी करने और स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे का जायजा लेने के लिए कमर कस ली है।
विमानन उद्योग का मानना है कि कोविड-19 परीक्षण फिर से शुरू करने का निर्णय निराशाजनक और पीछे हटने वाला कदम है। इंटरनैशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के एशिया-प्रशांत के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष फिलिप गोह ने कहा, ‘तीन साल पहले शुरू हुए कोविड-19 से अब हम एक अलग स्थिति में हैं। हमारे पास चिकित्सा उपचार मौजूद हैं। टीकाकरण का स्तर ऊंचा है। सरकारों को विज्ञान और तथ्यों के आधार पर कार्रवाई करनी चाहिए।’
गोह ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के अनुभव से पता चला है कि यात्रा प्रतिबंध या परीक्षण आवश्यकताएं अप्रभावी हैं। उन्होंने कहा, ‘ये काफी निराशाजनक है कि सरकारों ने कोई सबक नहीं सीखा और फिर से प्रतिबंध लगाना जारी कर दिया है। परीक्षण आवश्यकताओं का यात्रा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्योंकि लोग परीक्षण से बचने की प्रवृत्ति रखते हैं।’
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प्रतिबंधों का सामना कर रहे इनमें से कई देश पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया की यात्रा के लिए लोकप्रिय केंद्र हैं। यह न्यूजीलैंड, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया के लिए यात्री ले जाते हैं। उदाहरण के लिए 2019 में 15 लाख यात्रियों में से 90 फीसदी ने भारत से ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए सीधी उड़ानें नहीं ली थीं। भारत से ऑस्ट्रेलिया जाने वाले करीब 30 फीसदी यात्री सिंगापुर के रास्ते गए थे। अनिवार्य परीक्षण के अलावा, स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले भी कहा था कि एक उड़ान में कुल यात्रियों में से 2 फीसदी हवाई अड्डे पर आने पर एक रैंडम टेस्ट से गुजरेंगे।