देश के बी स्कूलों का शैक्षणिक ढर्रा जल्द ही बदलेगा। अब बी-स्कूल भी पाठयक्रमों में स्थानीय वित्तीय मॉडलों और केस स्टडी को महत्व देने की योजना बना रहे हैं।
अब तक प्रबंधन संस्थान मुख्यत: पश्चिमी देशों के मॉडलों के अनुभव पर ही चलते आए हैं। रिचर्ड आईवी स्कूल ऑफ बिजनेस में असोसिएट प्रोफेसर और आईएसबी में विजिटिंग फैकल्टी चार्ल्स धनराज ने बताया, ‘ज्यादातर वित्तीय मॉडल और केस स्टडी पश्चिमी एमएनसी के अनुभवों पर ही आधारित हैं।
इन्हें भारतीय उदाहरणों से बदले जाने की जरूरत है।’उन्होंने कहा कि भारतीय विकास की कहानी में ऐसे कई उदाहरण मिलेंगे जो पूरी दुनिया को दिए जा सकते हैं। प्रबंधन स्कूल अगर संभव हो तो ऐसे स्थानीय उदाहरणों का चयन कर सकते हैं जिनसे छात्रों को समझने में आसानी रहे।
उन्होंने कहा कि जोर इस बात पर रहेगा कि छात्र अनुभवों के साथ सीख सकें। उन्होंने साथ ही कहा कि भारतीय प्रबंधन स्कूलों के शिक्षकों और छात्रों को मार्गदर्शकों के साथ विचारों और जानकारियों के आदान प्रदान के लिए एक सेमेस्टर साथ में बिताना होगा।
इसके लिए विदेशों में सेंटर बनाए जा सकते हैं और ठीक इसके उलट विदेशी शिक्षकों और छात्रों को भी भारत में आकर ऐसी जानकारियां लेनी होंगी।
इस सम्मेलन में यह निर्णय भी लिया गया कि विभिन्न संस्थानों से पीएचडी करने वाले छात्रों के लिए हर 6 महीने में खास कार्यक्रम तैयार किए जाएं। इन छात्रों की पहचान एक विशेष चुनाव पैनल के जरिए की जाएगी।