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प्रौद्योगिकी हस्तांतरण शुल्क पर न्यायालय का नजरिया

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 8:05 AM IST

आयातित वस्तुओं की कीमत में रॉयल्टी और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण शुल्क को शामिल किए जाने का मुद्दा हमेशा से ही विवादास्पद रहा है।


सर्वोच्च न्यायालय के ताजा फैसले (फेरोडो इंडिया लिमिटेड 2008 (224) ईएलटी 23 (एस. सी.)  से इस मामले को एक नई दिशा मिली है। परंपरागत रूप से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण शुल्क पर उस वक्त सीमा शुल्क लगाया जाता है जब यह पाया जाता है कि यह फीस आयातित सामान की बिक्री की स्थिति के रूप में देय है।

अदालतों ने यह दोहराया है कि जब तक फीस आयातित सामान से संबद्ध न हो, यह बोझ डालना अनुचित होगा और मारुति उद्योग लिमिटेड (1987 (28) ईएलटी 390-टी) से लेकर लगभग 50 मामलों में यह देखा गया है कि रॉयल्टी और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण शुल्क को आयातित सामान के मूल्य में शामिल नहीं किया जा सकता। जेके कॉरपोरेशन लिमिटेड (2007 (208) ईएलटी 485 (एस. सी.) ) के मामले में इसे बरकरार रखा गया था कि भले ही बिक्री के मामले में रॉयल्टी चुकानी हो, लेकिन यदि भुगतान आयातित गतिविधि से जुड़ा हुआ हो तो इस पर शुल्क थोपा नहीं जा सकता।

नए कस्टम्स वैल्यूएशन रूल्स, 2007 में रूल 10 (1) का वर्णन करते हुए यह स्पष्ट किया गया है कि प्रक्रिया के इस्तेमाल के लिए रॉयल्टी, लाइसेंस शुल्क या किसी अन्य भुगतान को चुकता की गई या चुकाई जाने वाली कीमत से उस वक्त जोड़ा जाएगा जब वह रूल 10 (1) के क्लॉज (सी) या (ई) के संदर्भ में शामिल हो। सीबीईसी ने यह स्पष्ट किया है कि रॉयल्टी, लाइसेंस फीस या अन्य कोई भुगतान सामान के मूल्य में शामिल होगा, चाहे भले ही ऐसे भुगतान उस प्रक्रिया से जुड़े हुए हों जिसके सामान को आयात कर यहां लाए जाने के बाद मशीनों के इस्तेमाल के दौरान उपयोग में लाया गया हो।

अब फेरोडो इंडिया लिमिटेड से संबद्ध फैसले में कहा गया है कि दो व्यवस्थाएं एक साथ काम कर रही हैं। ये हैं आयातित सामान के लिए कीमत और विदेशी आपूर्तिकर्ता को चुकाई गई रॉयल्टीलाइसेंस फीस। इसलिए विभाग को न सिर्फ तकनीकी सहायता और ट्रेडमार्क समझौते की जरूरत है बल्कि खरीदार और विदेशी आपूर्तिकर्ता के बीच कीमत निर्धारण व्यवस्थासमझौते की भी जरूरत है। विभाग को रॉयल्टीलाइसेंस फीस भुगतानों में खरीदार द्वारा किए गए खर्च और आयातित वस्तुओं के लिए चुकाई गई कीमत के मौजूदा कीमत व्यवस्था में विफल रहने के बाद द रेवेन्यू की अपील को खारिज कर दिया गया।

First Published : June 30, 2008 | 12:16 AM IST