शनिवार से शुरू होने वाले अनलॉक 3.0 के साथ ही गृह मंत्रालय ने रेस्तरां और खुदरा दुकानों के परिचालन के सीमित समय और रात के कफ्र्यू जैसी कई पाबंदी हटाने तथा जिमों के दोबारा खुलने की घोषणा की है जिसे अब तक विभिन्न क्षेत्रों से मिश्रित प्रतिक्रिया मिली है। जहां एक ओर रेस्तरां संचालक और जिम मालिक कारोबार की बहाली को लेकर उत्साहित हैं, वहीं दूसरी ओर खुदरा विक्रेताओं को राहत की कम ही उम्मीद है। भारतीय राष्ट्रीय रेस्तरां संघ के (एनआरएआई) के अध्यक्ष अनुराग कटरियार के अनुसार रात का कफ्र्यू हटाने से रेस्तरां क्षेत्र की किस्मत चमकेगी क्योंकि इससे आउटलेट में देर शाम के भोजन की वापसी होगी। रात को खाना पैक कराकर ले जाना भी संभव होगा। यह वह एक अनुरोध था जो हमने अनलॉक-2.0 के बाद सरकार से किया था जिस पर उन्होंने अब ध्यान दिया है। इसका मतलब यह है कि जहां तक रेस्तरां क्षेत्र की बात है, तो इसमें कारोबारी गतिविधि बहाल होगी जो एक अच्छा संकेत है। सामान्य तौर पर रेस्तरां की कुल बिक्री में वहां बैठकर भोजन करने वालों की हिस्सेदारी 35 प्रतिशत से ज्यादा रहती है और लॉकडाउन के नियमों में रात 9 बजे के बाद रेस्तरां में बैठकर भोजन करने पर रोक लगाए जाने के उपरांत परिचालक बुरी स्थिति में आ गए थे।
फिटनेस सेंटर और जिमों के मालिक भी उत्साहित हैं। फिटनेस और स्वास्थ्य सेवा प्लेटफॉर्म फिटर्निटी की सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकरी नेहा मोटवानी ने कहा कि वे सरकार की सामाजिक दूरी और सैनिटाइजेशन मानदंडों के अनुरूप साझेदार संगठनों का मार्गदर्शन करते हुए रफ्तार पकडऩे के लिए कमर कस रहे हैं। हम कड़े सुरक्षा दिशानिर्देशों को तैयार करने के लिए अपने साझेदार जिमों और फिटनेस स्टूडियो की मदद कर रहे हैं ताकि सुरक्षित कामकाजी माहौल सुनिश्चित करने के लिए वे शीर्ष क्षमता स्तर पर परिचालन कर सकें। फिटर्निटी के 12,000 साझेदार हैं। यह मुंबई, दिल्ली, गुरुग्राम, बेंगलूरु, पुणे और हैदराबाद जैसे 20 से अधिक शहरों को अपनी सेवाएं देती है।
खुदरा विक्रेताओं और मॉल संचालकों को उम्मीद है कि ग्राहकों की संख्या में कुछ इजाफा होगा। देश के सबसे बड़े कारोबारी संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स का अनुमान है कि सार्वजनिक परिवहन के परिचालन की अनुमति दिए जाने और कोविड-19 के टीके बनने तक यह संभव नहीं है कि उपभोक्ता खरीदारी के लिए स्वतंत्र रूप से निकलेंगे।
रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) के मुख्य कार्याधिकारी कुमार राजगोपालन के अनुसार नए दिशानिर्देश उन मानक संचालन प्रक्रियाओं के अनुरूप हैं जो इसके सदस्यों ने तैयार किए हैं। उन्होंने कहा कि हम देशभर में सभी खुदरा दुकानों को तेजी से खुलवाने और एकसमानता सुनिश्चित करने के लिए राज्यों के प्रति प्रतिबद्ध हैं जो अब एक आर्थिक अनिवार्यता है। खुदरा विक्रेताओं द्वारा उपभोक्ताओं को इस बात के लिए आश्वस्त करने की खातिर सुरक्षा और स्वच्छता उपायों को प्राथमिकता देने की जरूरत होगी कि उन्हें सुरक्षित खरीदारी का अनुभव होगा। अलबत्ता उन्होंने कहा कि पिछली तिमाही के दौरान कारोबार खराब रहा है, लेकिन खुदरा क्षेत्र में नया निवेश वक्त की जरूरत है। रियल एस्टेट फर्म ओमेक्स के मुख्य कार्याधिकारी मोहित गोयल ने कहा कि रात का कफ्र्यू हटाने से मॉल को ग्राहकों की अधिक संख्या आकर्षित करने में मदद मिलेगी क्योंकि खाद्य और पेय पदार्थ (एफऐंडबी) के खुदरा विक्रेता अब लंबे समय तक काम कर पाएंगे।
उन्होंने कहा कि एफऐंडबी उन प्रमुख खंडों में से एक है जो किसी मॉल में ग्राहकों को आकर्षित करता है। फिलहाल मॉल 30 से 40 प्रतिशत की क्षमता पर चल रहे हैं और इस कदम से हमें उम्मीद है कि शाम के भोजन के लिए मॉल में अधिक लोग आएंगे। अगर सिनेमाघरों को खोलने की अनुमति दे दी जाती है, तो हम उम्मीद कर सकते हैं कि कोविड से पहले वाली ग्राहकों संख्या की वापसी हो जाएगी। नोएडा, गुरुग्राम और पटियाला आदि स्थानों पर ओमेक्स के आधा दर्जन से अधिक मॉल हैं।