ताजा खबरें

Stock market crash: आज भारतीय शेयर बाज़ार में क्यों है गिरावट ? जानें वजह

पिछले दो ट्रेडिंग सेशन में निफ्टी 50 इंडेक्स 400 अंक से अधिक टूट गया है जबकि बीएसई सेंसेक्स में 1300 अंक से ज्यादा की गिरावट आई है।

Published by
बीएस वेब टीम   
Last Updated- April 15, 2024 | 12:49 PM IST

Stock Market Crash Today: इज़राइल और ईरान के बीच युद्ध (Israel-Iran War) की स्थिति के कारण मिडल ईस्ट में तनाव बढ़ रहा है। साथ ही अमेरिकी डॉलर की बढ़ती दरें और अमेरिकी ट्रेजरी रिटर्न, विदेशी निवेशकों की बिक्री के कारण भारतीय शेयर बाजार सोमवार को लगातार दूसरे ट्रेडिंग सेशन में गिरावट में दिख रहा है।

निफ्टी-50 (Nifty-50) आज 22,339 के स्तर पर गिरावट के साथ खुला और शुरुआती घंटी बजने के कुछ ही मिनटों के भीतर 1 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट के साथ 22,264 अंक के निचले स्तर को छू गया।

इसी तरह, बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) सुबह के शुरुआती सत्र के दौरान 900 अंक से ज्यादा फिसल गया और 73,727 अंक के निचले स्तर पर पहुंच गया।

पिछले दो ट्रेडिंग सेशन में सेंसेक्स 1300 अंक से ज्यादा फिसला

पिछले दो ट्रेडिंग सेशन में निफ्टी 50 इंडेक्स 400 अंक से अधिक टूट गया है जबकि बीएसई सेंसेक्स में 1300 अंक से ज्यादा की गिरावट आई है। वहीं, बैंक निफ्टी इंडेक्स 1,000 अंक से ज्यादा गिर गया है।

भारतीय शेयर बाजार में आज गिरावट की वजह ?

1. ईरान और इजराइल के बीच युद्ध: मिडल ईस्ट में तनाव भारतीय इक्विटी बाजार में बिकवाली का प्रमुख कारण है। इससे क्षेत्र में भू-राजनीतिक अनिश्चितता को लेकर संदेह पैदा हो गया है जिससे निवेशकों के मन में चिंता बढ़ गई है।

2. इसके अलावा मिडल ईस्ट में जारी घटनाक्रम के बाद वैश्विक बाजारों में बिकवाली देखने को मिली है। अमेरिकी शेयर बाजार शुक्रवार को गिरावट के साथ बंद हुआ। सोमवार की सुबह के शुरुआती सेशन में प्रमुख एशियाई बाजार जैसे निक्केई, हैंग सेंग, कोस्पी आदि दबाव में कारोबार कर रहे हैं।

3. कच्चे तेल की कीमतों में इजाफे ने भी निवेशकों को चिंता को बढ़ा दिया है। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की कीमतें छह महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। मार्च 2024 में ईंधन की कीमतें 6 प्रतिशत तक बढ़ीं, जबकि अप्रैल 2024 में अब तक 3 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।

कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत नहीं है क्योंकि इससे स्थानीय मुद्रा और मुद्रास्फीति पर दबाव पड़ सकता है।

First Published : April 15, 2024 | 12:49 PM IST