अरबपति भाइयों अभिषेक और अभिनंदन लोढ़ा ने अपने ट्रेडमार्क विवाद को मध्यस्थता के जरिये सुलझाने की बात बंबई उच्च न्यायालय के सामने स्वीकार की है। रियल एस्टेट दिग्गजों के बीच इस मामले की मध्यस्थता के लिए बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश आरवी रवींद्रन को नियुक्त किया है।
न्यायमूर्ति रवींद्रन को मध्यस्थता पूरी करने के लिए पांच हफ्ते का वक्त मिलेगा। अदालत ने कहा है कि इस बीच दलीलें पूरी की जाएंगी और अगर मध्यस्थता विफल रहती है तो मामले की अगली सुनवाई 21 मार्च 2025 को की जाएगी।
मैक्रोटेक डेवलपर्स (लोढ़ा) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी अभिषेक ने कहा, ‘मैं मध्यस्थता प्रक्रिया अपनाने की न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर द्वारा दी गई सलाह मान रहा हूं। अभिनंदन मेरा छोटा भाई है और उसके प्रति काफी स्नेह है। मैं हर हाल में उसकी मदद करूंगा और उसकी सफलता की कामना करूंगा।’अभिषेक ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि मध्यस्थता के जरिये अभिनंदन से हुआ मतभेद दूर हो जाएगा। हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा के चेयरपर्सन अभिनंदन ने बयान जारी कर कहा है, ‘हम बंबई उच्च न्यायालय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर के आभारी हैं, जिन्होंने हमें मध्यस्थता प्रक्रिया अपनाने की सलाह दी है। हमें उम्मीद है कि पिछले दस साल से जो मामला लंबित है वह अब खत्म हो जाएगा।’
अभिनंदन ने कहा कि मेरा मानना है कि पारिवारिक विवाद सार्वजनिक तरीके से नहीं सुलझाना चाहिए और इसलिए वह परिवार की खातिर ही पिछले दस वर्षों से भी अधिक वक्त से चुप रहे।
इस साल जनवरी में मैक्रोटेक डेवलपर्स ने लोढ़ा नाम के इस्तेमाल को लेकर हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा के खिलाफ मुकदमा किया था और 5,000 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की थी। अभिषेक ने मैक्रोटेक की तिमाही नतीजे जारी करने के दौरान कहा था कि इस मामले का कंपनी के परिचालन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।