भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) कोविड-19 महामारी के कारण स्थानीय स्तर पर लगाए गए लॉकडाउन से प्रभावित सड़क डेवलपरों को राहत दिए जाने के पक्ष में है। एनएचएआई ने वित्तीय संसाधन जुटाने की समय सीमा बढ़ाए जाने और बैंक गारंटी पेश किए जाने में देरी पर लगने वाले जुर्माने को माफ किए जाने जाने की मांग की है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेजे गए एक पत्र में एनएचएआई ने केंद्र सरकार की आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत इन कदमों की मांग की है। एनएचएआई की ओर से सड़क मंत्रालय को भेजे गए संदेश में प्राधिकरण ने कंसेसनायर के फाइनैंशियल क्लोजर का लक्ष्य पूरा करने की समयावधि में विस्तार दिए जाने की मांग की है, जो कंसेशन एग्रीमेंट के मुताबिक अप्रैल-जून 2021 के दौरान किया जाना था। प्राधिकरण ने कार्यस्थल के मुताबिक 2 से 4 महीने का वक्त दिए जाने की मांग की है। अप्रैल, 2021 से मई, 2021 के दौरान नए कॉन्ट्रैक्ट पर प्रदर्शन प्रतिभूति या बैंक गारंटी पेश किए जाने में देरी पर जुर्माने से भी राहत की मांग की गई है, जो कार्यस्थल पर निर्भर होगा।
जहां तक राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोलिंग कॉन्ट्रैक्ट का सवाल है, एनएचएआई ने कहा है कि शुल्क के संग्रह में आई कमी का समायोजन उपयोग शुल्क संग्रह कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक किया जा सकता है।
बिल्ट ऑपरेट ट्रांसफर (बीओटी) और टोल ऑपरेट ट्रांसफर (टीओटी) ठेकों के मामले में उपयोग शुल्क के संग्रह में आई कमी के लिए कंसेशन अवधि में समझौते के प्रावधानों के तहत विस्तार करने का प्रस्ताव किया गया है। प्रमाणित सब कांट्रैक्टरों को एस्क्रॉ खाते के माध्यम से सीधे भुगतान करने के साथ ठेके की शर्तों के मुताबिक बाध्यताएं पूरी करने के लिए कार्यस्थल के मुताबिक कांट्रैक्टरों के समय में 2 से 4 महीने की बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया गया है। एनएचएआई ने सरकार से यह भी कहा है कि पहले पूरा किए जा चुके काम के अनुपात में अवधारण राशि (रिटेंशन मनी) देना जारी रखना चाहिए और अवधारण राशि में 30 सितंबर, 2021 तक कोई कमी नहीं की जानी चाहिए।
हाइब्रिड-एन्युटी और बीओटी कॉन्ट्रैक्ट के मामले में अगर कंसेशनायर ने कॉन्ट्रैक्ट को खत्म नहीं किया है तो प्रदर्शन गारंटी जारी किए जाने का प्रस्ताव किया गया है, जैसा कि कांट्रैक्ट में नियम है।
अप्रैल में कोविड-19 की दूसरी लहर ने अर्थव्यवस्था को बहुत तेजी से चपेट में लिया था।
जून महीने में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 6.29 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज को मंजूरी दी थी, जिसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए की थी।
कोविड-19 महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को समर्थन के लिए पैकेज के हिस्से के रूप में वित्त मंत्री ने छोटे और मझोले कारोबारियों के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त कर्ज दिए जाने, स्वास्थ्य क्षेत्र को ज्यादा धन दिए जाने, पर्यटन एजेंसियों व गाइडों को कर्ज देने और विदेशी पर्यटकों के वीजा शुल्क की माफी की घोषणा की थी। नवंबर तक के लिए मुफ्त खाद्यान्न देने पर 93,869 करोड़ रुपये के व्यय की घोषणा और उर्वरक सब्सिडी पर 14,775 करोड़ रुपये देने के साथ प्रोत्साहन पैकेज बढ़कर 6.29 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जिनमें से ज्यादातर बैंकों और सूक्ष्य वित्त संस्थानों को सरकार की गारंटी के रूप में दिया गया है।