भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह | फोटो क्रेडिट: Commons
Manmohan’s legacy as PM: साल था 2014 और महीना था जनवरी का। देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह मीडिया को संबोधित कर रहे थे। अगर आज के संदर्भ में देखें, तो यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की अंतिम प्रेस कॉन्फ्रेंस थी। मीडिया को संबोधित करते हुए मनमोहन सिंह कहते हैं, “मैं मानता हूं कि अभी की मीडिया की तुलना में इतिहास मेरे प्रति अधिक उदार होगा.”
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में तो डॉ. सिंह ने अपना कार्यकाल के लेखा-जोखा पर फैसला करने का जिम्मा इतिहास पर जरूर छोड़ दिया था, लेकिन अगर इतिहास डॉ. सिंह के कार्यकाल के दौरान देश के आर्थिक प्रदर्शन पर गौर करेगा, तो वह उनके दूसरे कार्यकाल (2009-2014) के मुकाबले पहले कार्यकाल (2004-2009) के लिए अधिक उदार होगा।
15 सितंबर, 2008 को अमेरिकी बैंकिंग कंपनी लेहमैन ब्रदर्स के पतन से उत्पन्न वैश्विक आर्थिक संकट से पहले उनकी सरकार के पहले चार सालों में देश की औसत वार्षिक आर्थिक वृद्धि 7.9 प्रतिशत थी, जिसने 2008-09 में आर्थिक विस्तार को 3.1 प्रतिशत तक कम कर दिया। फिर भी, सिंह सरकार के पहले कार्यकाल में औसत आर्थिक वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रही।
1999-00 और 2004-05 के आधार वर्ष पर जीडीपी की गणना करने की पुरानी विधि की तुलना में विकास दर थोड़ा कम दिखाई देता है। उस आधार पर, बीच के तीन सालों – 2005-06, 2006-07 और 2007-08 – में नौ प्रतिशत से अधिक की औसत वार्षिक आर्थिक वृद्धि दर दर्ज की गई थी, जो वैश्विक वित्तीय संकट के कारण 2008-09 में घटकर 6.7 प्रतिशत रह गई। मनमोहन सिंह सरकार के पहले कार्यकाल में उस पद्धति के हिसाब से वार्षिक औसत वृद्धि दर 8.5 प्रतिशत रही।
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दूसरे कार्यकाल में, उनकी सरकार पर जोरदार हमले हुए, क्योंकि उनकी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगातार बढ़ रहे थे। इसमें मुख्य रूप से 2जी घोटाला और कोयला घोटाला का नाम सबसे पहले सामने आता है।
उनकी सरकार पर हमला तब और तेज हो गया जब अन्ना हजारे ने जन लोकपाल विधेयक (नागरिक लोकपाल विधेयक) को लेकर दबाव बनाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में अनशन किया, ताकि सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच हो सके।
इन घटनाक्रमों चलते सरकार ने कई बड़े फैसले लेने से परहेज किया, जिसे ‘नीतिगत पक्षाघात’ कहा गया। दूसरे कार्यकाल के तीसरे और चौथे साल में आर्थिक वृद्धि दर गिरकर 5.2-5.5 प्रतिशत पर आ गई, जबकि उससे पिछले साल यह 6.4 प्रतिशत थी।
वार्षिक औसत वृद्धि दर अभी भी 6.7 प्रतिशत पर थी, जो पहले शासनकाल की तुलना में थोड़ी कम है।
अर्थव्यवस्था के अन्य पैरामीटर ‘नीतिगत पक्षाघात’ के सालों के बारे में बहुत कुछ बताते हैं। देश का विदेशी मुद्रा भंडार कभी भी 309.7 बिलियन डॉलर तक नहीं पहुंच पाया, जहां यह 2007-08 के वैश्विक वित्तीय संकट से पहले के सालों में था।
यह दूसरे कार्यकाल में बढ़ते चालू खाता घाटे (CAD) के कारण था। 2012-13 में CAD बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद के 4.8 प्रतिशत के बराबर हो गया।
उससे एक पहले यह 4.3 प्रतिशत था। यूरोजोन संकट के कारण अंतर्राष्ट्रीय स्थिति फिर से कठिन हो जाने के कारण सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात के रूप में औसत वार्षिक CAD उनके पहले कार्यकाल के 4.06 प्रतिशत से बढ़कर दूसरे कार्यकाल के दौरान 5.24 प्रतिशत हो गया।
हालांकि, सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने 2013 के टेपर टैंट्रम संकट से आसानी से इसका सामना किया था।
वैश्विक वित्तीय संकट के बीच अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए दिए गए राजकोषीय प्रोत्साहन को समय पर वापस लेने की पहल की कमी के कारण दूसरे कार्यकाल में केंद्र का राजकोषीय घाटा बढ़ गया। साथ ही व्यय-आय का अंतर किसी भी साल में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 4.4 प्रतिशत से कम नहीं हुआ।
केंद्र का औसत वार्षिक राजकोषीय घाटा पहले कार्यकाल के 4.06 प्रतिशत के मुकाबले दूसरे कार्यकाल में बढ़कर 5.24 प्रतिशत हो गया।
मूल्य में बढ़ोतरी सरकार द्वारा किया गया एक और मिसमैनेजमेंट था, जिसका असर खास तौर पर उनके दूसरे कार्यकाल में आम आदमी को झेलना पड़ा। 2010-11 में थोक मूल्य मुद्रास्फीति 9.57 प्रतिशत तक पहुंच गई। और औसत वार्षिक मुद्रास्फीति दर पहले कार्यकाल के 6.06 प्रतिशत की तुलना में दूसरे कार्यकाल में 6.87 प्रतिशत तक बढ़ गई थी।
Economy under Manmohan Singh | High Growth | Y E | A R S | Policy Paralysis years | Policy Paralysis years | |||||
2004-05 | 2005-06 | 2006-07 | 2007-08 | 2008-09 | 2009-10 | 2010-11 | 2011-12 | 2012-13 | 2013-14 | |
GDP growth rate in % yoy * | 7.9 | 7.9 | 8.1 | 7.7 | 3.1 | 7.9 | 8.5 | 5.2 | 5.5 | 6.4 |
Forex reserves in $ billion at the end of the year | 141.5 | 151.6 | 199.2 | 309.7 | 252 | 279 | 304.8 | 294.4 | 292 | 304.2 |
Wholesale price index-based inflation rate in % yoy* | 6.46 | 4.44 | 6.58 | 4.74 | 8.09 | 3.75 | 9.57 | 8.95 | 6.9 | 5.2 |
Current account deficit as % of GDP | 0.3 | 1.2 | 1 | 1.3 | 2.3 | 2.9 | 2.8 | 4.3 | 4.8 | 1.7 |
Centre’s fiscal deficit as % of GDP | 4 | 4.1 | 3.5 | 2.7 | 6 | 6.4 | 4.9 | 5.7 | 4.8 | 4.4 |