देशव्यापी बंदी के पहले 3 महीनों के दौरान राजमार्गों का निर्माण 18 किलोमीटर प्रतिदिन रहा। केंद्र सकार और राजमार्ग निर्माण एजेंसी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने कम व्यवधान में निर्माण कार्य पूरा करने के लिए बंदी के दौरान श्रम का भरपूर इस्तेमाल किया।
सड़क निर्माण एवं राजमार्ग मंत्रालय ने वित्त वर्ष के अप्रैल-जून के शुरुआती 3 महीनों में 1,640 किलोमीटर सड़क का निर्माण कराया। इस अवधि के दौरान 1,658 किलोमीटर निर्माण के ठेके भी दिए गए।
सरकार का दावा है कि देशव्यापी बंदी के दौरान प्रतिदिन निर्माण को उपलब्धि के रूप में देखा जाना चाहिए क्योंकि शुरुआती 3 सप्ताह के दौरान कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ। लॉकडाउन के दूसरे चरण में 50 प्रतिशत श्रमिकों के साथ आंशिक रूप से काम करने की अनुमति मिली।
एक अधिकारी ने नाम न दिए जाने की शर्त पर कहा, ‘सामान्यतया हर साल हम पहली तिमाही में 20 किलोमीटर प्रतिदिन सड़क का निर्माण करते हैं, क्योंकि इस महीने में निर्माण गतिविधियां सबसे तेज होती हैैं। लेकिन यह साल अलग था। इसका असर कुल मिलाकर सड़क निर्माण पर होगा और अब मॉनसून सीजन चल रहा है और त्योहारी सीजन के बाद ही निर्माण गति पकड़ सकेगा। हमें यह देखना होगा कि हम रखे गए लक्ष्य को किस तरह पूरा कर पाते हैं।’ सड़क मंत्रालय के 15 जुलाई तक के आंकड़ों के मुताबिक इस वित्त वर्ष में 2050 किलोमीटर सड़क निर्माण हुआ है, जो प्रतिदिन 19.5 किलोमीटर है।
माना जा रहा है कि सड़क मंत्रालय और एनएचएआई की शेष वर्ष के लिए श्रमिकोंं की उपलब्धता 50 प्रतिशत रहेगी। बहरहाल दोनों ने अभी 2020-21 के आधिकारिक लक्ष्य में बदलाव नहीं किया है। अप्रैल में केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि प्रतिदिन 60 किलोमीटर सड़क बनाने का लक्ष्य रखने की योजना है, जिससे कोविड-19 के झटकों से अर्थव्यवस्था को उबारने में मदद मिल सके।
केंद्र सरकार ने इसके पहले 30 किलोमीटर प्रतिदिन सड़क बनाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन प्रतिदिन 28 किलोमीटर सड़क बन सकी। एनएचएआई ने 2019-20 के दौरान 3,979 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया, जिसे लेकर दावा किया गया था कि यह एजेंसी द्वारा एक वित्त वर्ष के दौरान अब तक का सबसे ज्यादा काम है। वित्त वर्ष 19 में एनएचएआई ने 3,380 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया था। सरकार ने बहुत महत्त्वाकांक्षी राजमार्ग निर्माण परियोजना भारतमाला परियोजना पेश की है, जिसके तहत करीब 65,000 किलोमीटर सड़क निर्माण किया जाना है। परियोजना के पहले चरण में 5 साल में 5.35 लाख करोड़ रुपये की लागत से 34,800 किलोमीटर राजमार्ग के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।