अंतरराष्ट्रीय

यूक्रेन ने अमेरिका को दिया झटका, खनिजों पर 50% हिस्सेदारी देने से किया इनकार

यूक्रेन ने अमेरिका को दुर्लभ खनिजों पर 50% हिस्सेदारी देने से मना किया। ज़ेलेंस्की ने कहा, "हमें इससे बेहतर डील चाहिए!" अमेरिका यूक्रेन से खनिजों और ऊर्जा खरीद को लेकर कर रहा

Published by
एजेंसियां   
Last Updated- February 17, 2025 | 6:13 PM IST

यूक्रेन और अमेरिका के बीच दुर्लभ खनिजों को लेकर बड़ी डील अटक गई है। अमेरिकी सरकार चाहती थी कि उसे यूक्रेन के दुर्लभ खनिज संसाधनों पर 50% हिस्सेदारी मिले, लेकिन राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने इस पर अभी तक हामी नहीं भरी।

अमेरिका ने दिया ऑफर, ज़ेलेंस्की ने कहा- “अभी सोचेंगे!”

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेन्ट एक ड्राफ्ट कॉन्ट्रैक्ट लेकर बुधवार को ज़ेलेंस्की से मिलने पहुंचे थे। उम्मीद थी कि ज़ेलेंस्की इस पर साइन कर देंगे, लेकिन उन्होंने कहा, “पहले सोचूंगा, फिर तय करूंगा!” यानी वो इस डील को और बेहतर बनाना चाहते हैं।

यूक्रेन की शर्त – पहले सिक्योरिटी, फिर खनिजों की बात!

फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ज़ेलेंस्की चाहते हैं कि यूक्रेन की खनिज संपदा को लेकर कोई भी सौदा अमेरिका और यूरोप से सुरक्षा गारंटी से जोड़ा जाए। यूक्रेनी सरकार के एक अधिकारी ने कहा, “हमें इससे बेहतर डील चाहिए।”

अमेरिका क्यों दिखा रहा इतनी दिलचस्पी?

ट्रंप प्रशासन ने पहले ही साफ कर दिया है कि यूक्रेन को अगर अमेरिका का सैन्य और आर्थिक समर्थन चाहिए, तो बदले में उसे अमेरिका को अपने प्राकृतिक संसाधनों तक पहुंच देनी होगी। यानी यूक्रेन को दुर्लभ खनिजों और अमेरिकी एनर्जी एक्सपोर्ट्स से जुड़ी कुछ शर्तें माननी पड़ेंगी।

यूक्रेन में हैं या नहीं दुर्लभ खनिज?

अब दिलचस्प बात ये है कि अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के मुताबिक, यूक्रेन में कोई बड़े दुर्लभ खनिज भंडार नहीं हैं! हालांकि, यूक्रेन की अपनी भूवैज्ञानिक एजेंसी कहती है कि कुछ इलाकों में टाइटेनियम, लिथियम और ग्रेफाइट जैसे कीमती खनिज जरूर मिले हैं। लेकिन इनमें से कुछ भंडार रूस के कब्जे वाले इलाकों में हैं। (ब्लूमबर्ग के इनपुट के साथ)

First Published : February 17, 2025 | 6:05 PM IST