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अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि अगर गाजा में खून-खराबा बंद नहीं हुआ तो “हमें मजबूरन वहां जाकर उसका खात्मा करना पड़ेगा।” हालांकि साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका अपने सैनिक गाजा नहीं भेजेगा।
ट्रंप ने कहा कि अगर गाजा में हिंसा जारी रही तो अमेरिका को कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने कहा, “यह हम नहीं करेंगे (सीधे सैनिक भेजकर)। हमारे नजदीक ऐसे लोग हैं जो यह काम बहुत आसानी से कर लेंगे, लेकिन हमारी देखरेख में।”
ट्रंप ने पहले भी कहा था कि हमास ने “कुछ बहुत बुरे गिरोहों” को निशाना बनाया है और कई सदस्यों की हत्या हुई है; पर उन्होंने यह भी कहा कि इससे उन्हें व्यक्तिगत तौर पर ज़्यादा फर्क नहीं पड़ा।
राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी कहा कि उनके धैर्य की एक सीमा है और अगर हमास ने प्रतिद्वंद्वी गुटों द्वारा की जा रही हत्याओं और हिंसा को रोकने के लिए कदम नहीं उठाएगा तो “उन्हें अपने हथियार डालने होंगे, वरना हम उन्हें निशस्त्र करेंगे और यह जल्दी एवं संभवतः हिंसक तरीके से होगा।”
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हालांकि ट्रंप ने हमास को कड़ी चेतावनी दी, लेकिन उन्होंने दोबारा स्पष्ट किया कि अमेरिका अपने सैनिकों को गाजा नहीं भेजेगा। व्हाइट हाउस ने इस मामले पर कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण जारी नहीं किया।
गाजा में हमास 18 साल पहले सत्ता में आया था और उसने सख्त सुरक्षा व्यवस्था कायम की। हालांकि हाल के महीनों में इजरायली हमलों और कब्जे के कारण उनकी पकड़ कमजोर हुई है। स्थानीय सशस्त्र गिरोहों और इजराइल समर्थित गुटों पर मानवीय सहायता लूटने व बेचने जैसे आरोप लगे हैं, जिससे क्षेत्र में हिंसा और अस्थिरता बढ़ी है।