जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कनाडा पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कनाडा पहुंच चुके हैं। वहां कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ होने वाली महत्त्वपूर्ण बैठक के अलावा उनके जर्मनी, इटली और यूक्रेन के नेताओं के साथ बैठकें करने का भी कार्यक्रम है। हालांकि, प्रधानमंत्री को भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा करने का अवसर नहीं मिलेगा, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के कारण जी7 शिखर सम्मेलन से जल्दी चले गए हैं। इस मौके पर मोदी-ट्रंप की बैठक होने की उम्मीद थी। पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली बैठक होती।
आगामी 9 जुलाई की समय-सीमा से पहले द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंजाम तक पहुंचाने की कोशिशों में जुटे दोनों पक्षों के संदर्भ में मोदी-ट्रंप की यह बैठक बेहद महत्त्वपूर्ण थी। भारत जी7 का सदस्य नहीं है। कार्नी ने भारत के आकार और एक प्रमुख विकासशील अर्थव्यवस्था के रूप में इसके महत्त्व को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी को कनानास्किस में शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।
ट्रंप ने शिखर सम्मेलन में जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ द्विपक्षीय बैठक की, लेकिन उनके साथ व्यापार समझौता करने में विफल रहे। अमेरिकी नेता ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीअर स्टारमर से भी मुलाकात की और मई में सहमत व्यापार ढांचे पर आगे बढ़ते हुए एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए।
मोदी मंगलवार सुबह (भारतीय समयानुसार) कैलगरी पहुंचे। यह एक दशक से अधिक समय में कनाडा की उनकी पहली यात्रा है। प्रधानमंत्री यहां जी7 शिखर सम्मेलन सत्र में भाग लेंगे और द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। मोदी ने मंगलवार सुबह एक्स पर पोस्ट में कहा, ‘जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कैलगरी पहुंचा। शिखर सम्मेलन में विभिन्न नेताओं से मिलूंगा और महत्त्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर अपने विचार साझा करूंगा। ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर भी जोर दूंगा।’ मोदी साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया के चार देशों के दौरे पर हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप जी-7 शिखर सम्मेलन को बीच में ही छोड़कर अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ तत्काल वार्ता के लिए सोमवार को स्वदेश रवाना हो गए। इजरायल और ईरान के बीच गहराते युद्ध के बीच ट्रंप ने तेहरान के 95 लाख निवासियों से अपनी जान बचाने के लिए वहां से चले जाने का आग्रह किया है। इसके साथ ही उन्होंने ईरान के साथ परमाणु समझौता संभव होने की बात भी कही है।
पांच दिनों से जारी मिसाइल हमलों से इजरायल ने ईरान को काफी नुकसान पहुंचाया है। ट्रंप ने वाशिंगटन लौटने के दौरान ‘एयर फोर्स वन’ में संवाददाताओं से कहा, ‘ईरान परमाणु हथियार नहीं बना सकता।’ उन्होंने ईरानी नेताओं पर अपने परमाणु कार्यक्रम पर किसी समझौते पर पहुंचने के लिए अनिच्छुक होने का आरोप लगाया और सुझाव दिया कि अब उनकी उनसे बातचीत करने में दिलचस्पी घट गई है। ट्रंप ने कहा, ‘उन्हें समझौता कर लेना चाहिए था। मैंने उनसे कहा, समझौता कर लो। इसलिए मुझे नहीं पता। मैं बातचीत करने के मूड में नहीं हूं।’ बाद में ट्रंप ने इस बात से इनकार किया कि वह संघर्ष विराम पर काम करने के लिए जल्दबाज़ी में लौटे हैं।
इजरायल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकाने पर अचानक हमला करने के पांच दिन बाद तेहरान पर अपने हवाई हमले तेज कर दिए हैं। तेहरान पश्चिम एशिया के सबसे बड़े शहरों में से एक है और वहां तकरीबन एक करोड़ लोग रहते हैं, जो इजरायल की कुल आबादी के बराबर है। ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद से ही तेहरान में लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं।
(साथ में एजेंसियां)