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भारत हमेशा मालदीव के साथ: जयशंकर

जयशंकर बोले, "भारत हमेशा मालदीव के साथ," वाशिंगटन पोस्ट की मुइज्जू साजिश रिपोर्ट को भारत ने किया खारिज

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- January 03, 2025 | 10:24 PM IST

भारत और मालदीव ने सीमा पार व्यापार के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने के वास्ते एक रूपरेखा को अंतिम रूप दिया है और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत हमेशा मालदीव के साथ खड़ा है। जयशंकर ने दिल्ली में मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील के साथ बैठक में यह टिप्पणी की।

समुद्री सुरक्षा, व्यापार और निवेश समेत कई प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा के लिए खलील गुरुवार को तीन दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे। जयशंकर ने कहा, ‘सीमा पार लेनदेन के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने की रूपरेखा पर हस्ताक्षर किए गए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी भागीदारी बढ़ाई है और मैं यह कहना चाहता हूं कि भारत हमेशा मालदीव के साथ खड़ा रहा है। आप हमारी पड़ोस पहले की नीति में बहुत महत्त्व रखते हैं।’

मुइज्जू विरोधी साजिश संबंधी वाशिंगटन पोस्ट की खबर को भारत ने किया खारिज

भारत ने वाशिंगटन पोस्ट द्वारा प्रकाशित उन दो हालिया खबरों की शुक्रवार को कड़ी निंदा की जिनमें से एक में भारत को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग चलाने की असफल साजिश से जोड़ा गया था तथा दूसरी रिपोर्ट में भारतीय एजेंटों द्वारा पाकिस्तान में कुछ आतंकवादी तत्त्वों को खत्म करने के कथित प्रयास के बारे में बताया गया था।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इन खबरों को खारिज करते हुए कहा कि अखबार और संबंधित रिपोर्टर भारत के प्रति ‘जबरदस्त शत्रुता’ रखते प्रतीत होते हैं। मालदीव पर अपनी खबर में अखबार ने ‘डेमोक्रेटिक रिन्यूअल इनिशिएटिव’ नामक एक दस्तावेज का हवाला देते हुए दावा किया कि विपक्षी राजनेताओं ने मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए वोट देने के वास्ते उनकी अपनी पार्टी के सदस्यों सहित 40 संसद सदस्यों को रिश्वत देने का प्रस्ताव रखा था।

इसमें कहा गया है कि महीनों की गुप्त वार्ता के बाद भी षड्यंत्रकारी राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने के लिए पर्याप्त वोट जुटाने में असफल रहे। जायसवाल ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि यह अखबार और इसका रिपोर्टर दोनों ही भारत के प्रति एक जबरदस्त दुश्मनी रखते हैं। आप उनकी गतिविधियों में एक प्रारूप देख सकते हैं। मैं उनकी विश्वसनीयता का फैसला आप पर छोड़ता हूं। जहां तक हमारा सवाल है, उनमें कोई दम नहीं है।’

First Published : January 3, 2025 | 10:24 PM IST