वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को दुनिया के देशों से महामारी के इस दौर में कोविड टीकों की प्रौद्योगिकी साझा करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि टीके को लेकर कोई राष्ट्रवाद नहीं हो सकता। वित्त मंत्री ने कोविड महामारी के संदर्भ में बौद्धिक संपदा अधिकार से जुड़े व्यापार संबंधित पहलुओं (ट्रिप्स) पर गौर करने की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की सालाना बैठक में कहा, ‘देशों को टीका आधारित प्रौद्योगिकी साझा करने के लिए तैयार होना होगा। महामारी के संदर्भ में ट्रिप्स समझौते पर गौर करना होगा। टीकों को लेकर कोई राष्ट्रवाद नहीं हो सकता। देशों को इस मामले में लचीला रुख अपनाना चाहिए।’
ट्रिप्स समझौता विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) सदस्य देशों के बीच एक कानूनी समझौता है। यह सदस्य देशों द्वारा बौद्धिक संपदा के विभिन्न रूपों के विनियमन के लिए मानक स्थापित करता है जो डब्ल्यूटीओ के सदस्य देशों पर लागू होता है। समझौता जनवरी 1995 में प्रभाव में आया। वीडियो कान्फ्रेंस के जरिये आयोजित कार्यक्रम में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि कोविड महामारी से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर सबको मिलकर काम करने की जरूरत है। सीतरमण ने कहा कि महामारी के बाद ‘भविष्य खुलेपन, पारदर्शिता, निष्पक्षता, टिकाऊपन और समावेशी सिद्धांतों पर आधारित होना चाहिए।’