कोविड-19 टीकों के उचित वितरण के लिए वैश्विक पहल-कोवैक्स ने गुरुवार को सभी देशों से विभिन्न देशों में यात्रा संबंधी निर्णय लेते वक्त उन सभी लोगों को ‘पूरी तरह टीकाकरण’ के रूप में मान्यता देने का आग्रह किया है, जिन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा मंजूर कोविड-19 का टीका लगवाया हुआ है। यूरोपीय संघ (ईयू) के सदस्य देशों पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढऩे से नौ देशों ने अब भारत में विनिर्मित एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफर्ड के टीके कोविशील्ड को अपनी ‘ग्रीन पास’ टीकों वाली सूची में शामिल कर लिया है।
ईयू डिजिटल कोविड प्रमाण पत्र की रूपरेखा द्वारा एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफर्ड के टीके को मान्यता दिए जाने और कोविशील्ड का उल्लेख नहीं किए जाने के बाद भारत ने भी यूरोपीय संघ के साथ राजनयिक संवाद शुरू कर दिया था। कोविशील्ड के पास यूरोपीय मेडिसन एजेंसी से आपातकालीन उपयोग का अधिकार (ईयूए) नहीं था।
डब्ल्यूएचओ, गावी, यूनिसेफ और सीईपीआई के नेतृत्व वाले कोवैक्स ने कड़े शब्दों में दिए गए संदेश में कहा है कि ऐसा कोई भी उपाय, जो डब्ल्यूएचओ द्वारा मंजूर टीकों के किसी उपवर्ग द्वारा संरक्षित लोगों को ही उस क्षेत्र में और उसके भीतर यात्रा करने की दोबारा शुरुआत का लाभ प्रदान करता है, उससे वैश्विक टीके का विभाजन और बढ़ जाएगा। यह कोविड-19 के टीकों के वितरण में देखी जा रही असमानताओं को भी बढ़ा देगा।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि चूंकि दुनिया के कुछ हिस्सों में यात्रा और अन्य संभावनाएं खुलने लगी हैं, इसलिए कोवैक्स सभी क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और स्थानीय सरकारी विभागों से आग्रह करता है कि जब इस संबंध में फैसला किया जा रहा हो कि कौन यात्रा करने अथवा कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए सक्षम है, तो उन सभी लोगों को पूरी तरह से टीकाकरण वाले लोगों के रूप में मान्यता दी जाए, जिन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सुरक्षित और प्रभावी माने गए कोविद-19 के टीके लगे हुए हैं या/और कोविड-19 के टीकों के लिए 11 कड़े विनियामक प्राधिकरणों (एसआरए) द्वारा मंजूर हैं।
कोवैक्स को दुनिया भर में लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए कोविड-19 के टीकों तक उचित पहुंच के सिद्धांत पर निर्मित किया गया था। यह दुनिया भर में सरकारों और टीका विनिर्माताओं के साथ काम कर रहा है।
इस बीच इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने गुरुवार को कहा कि यूरोपीय देश – स्लोवेनिया, ग्रीस, इस्टोनिया, जर्मनी, आइसलैंड, आयरलैंड, स्पेन और स्विट्जरलैंड के अलावा ऑस्ट्रिया, उन भारतीय यात्रियों को इन देशों में आने की अनुमति प्रदान करेंगे, जिन्होंने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) द्वारा विनिर्मित कोविशील्ड का टीका लगवाया हुआ है।
केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा यूरोप में यात्रा के लिए कोविशील्ड टीके के अधिकार के मसले को इस गुट एक शीर्ष अधिकारी के साथ उठाए जाने के कुछ दिनों बाद यह घटनाक्रम सामने आया है। कोविड महामारी के दौरान मुक्त आवाजाही की सुविधा के लिए यूरोपीय संघ के डिजिटल कोविड प्रमाण पत्र की रूपरेखा 1 जुलाई, 2021 से लागू हो गई है। यह रूपरेखा यूरोपीय संघ के भीतर यात्रा प्रतिबंधों में छूट दिए जाने के लिए उन लोगों को अनुमति प्रदान करती है, जिन्होंने यूरोपीयन मेडिसन एजेंसी (ईएमए) द्वारा अधिकृत टीका लगवाया हुआ है।
सूत्र ने कहा कि इन नौ देशों में से इस्टोनिया इस बात की पुष्टि करने वाला पहला देश है कि वह भारतीयों की यात्रा के लिए भारत सरकार द्वारा अधिकृत सभी टीकों को मान्यता देगा। इसमें रूस द्वारा विकसित स्पूतनिक और अमेरिका स्थित मॉडर्ना द्वारा विकसित टीका भी शामिल रहेगा। यूरोपीय संघ के अलग-अलग सदस्य देशों के पास उन टीकों को स्वीकार करने की भी अनुमति है, जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर या विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा अधिकृत किया जा चुका है। भारत ने यूरोपीय संघ के सदस्य देशों से व्यक्तिगत तौर पर उन यात्रियों को इसी प्रकार की छूट देने पर विचार करने का अनुरोध किया है, जिन्होंने भारत में कोविशील्ड और कोवैक्सीन का टीका लगवाया हुआ है तथा कोविन पोर्टल के माध्यम से जारी टीकाकरण प्रमाण पत्र को स्वीकार करने की गुजारिश की है। सूत्र ने कहा कि इस तरह के टीकाकरण प्रमाणन की वास्तविकता को कोविन पोर्टल पर प्रमाणित किया जा सकता है।
भारत ने यूरोपीय संघ के सदस्य देशों से यह भी इजहार किया है कि भारत ईयू के डिजिटल कोविड प्रमाण पत्र की मान्यता के लिए पारस्परिक नीति बनाएगा।
सूत्र ने कहा कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन को ईयू के डिजिटल कोविड प्रमाण पत्र में शामिल करने की अधिसूचना और भारत के कोविन टीकाकरण प्रमाण पत्र की मान्यता के संबंध में भारतीय स्वास्थ्य विभाग यूरोपीय संघ के संबंधित सदस्य देश को पारस्परिक रूप से ईयू डिजिटल कोविड प्रमाण पत्र रखने वाले सभी लोगों को अनिवार्य क्वारंटीन से छूट देंगे।