रंग लाने लगी हैं बर्नान्के की कोशिशें

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 4:51 PM IST

पिछले पांच दशकों में पहली बार जिंस उत्पादों में आई बड़ी गिरावट से इस बात का स्पष्ट संकेत मिलता है कि अमेरिकी वित्तीय इकाइयों का फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष एस बर्नान्के पर विश्वास कायम होने लगा है।


इस महीने में पहली बार स्टैंडर्ड ऐंड पूअर 500 सूचकांक में साप्ताहिक बढ़त दर्ज की गई है और साथ ही 1973 के बाद सबसे निचले स्तर को छूने के बाद वापस से डॉलर के मूल्य में सुधार आया है। इससे पता चलता है कि बर्नान्के ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जो कदम उठाए थे, आखिरकार वे काम करने लगे हैं। गत 16 मार्च को अमेरिका के पांचवे सबसे बड़े प्रतिभूति इकाई बेयर स्टीयर्न्स को संकट से उबारने के लिए फेडरल ने आर्थिक सहायता प्रदान करने की पेशकश की थी।


वित्तीय संकट की निवेशकों पर ऐसी मार पड़ी थी कि जिन निवेशकों ने सोने और तेल में अपने पैसे लगाए थे, बढ़ती महंगाई और कमजोर डॉलर की वजह से उन्होंने कमोडिटीज को बेचना शुरू कर दिया। उन्होंने तरलता की कमी को दूर करने के लिए या फिर शेयरों की खरीदारी के लिए इस कदम को बेहतर माना। न्यूजर्सी में इक्वीडेक्स ब्रोकरेज ग्रुप इंक के रिटेल कारोबारी निदेशक रॉन गुडीस ने बताया, ”बर्नान्के ने कमोडिटी बाजार में लगी आग पर ध्यान देना शुरू किया है।”


उन्होंने बर्नान्के की नीतियों और प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि कमोडिटीज की कीमतें नीचे आने लगी हैं और शेयर बाजार की स्थिति भी बहुत बेहतर नहीं तो कम से कम ठीक-ठाक कहीं जा सकती हैं। उनका कहना था, ”बर्नान्के की कोशिशें रंग लाने लगी हैं।” हालांकि कुछ विश्लेषकों ने चिंता जाहिर की थी कि फेडरल रिजर्व ने 18 मार्च को ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की जो कटौती की है उससे महंगाई की दर में इजाफा होगा।


फेडरल के पूर्व शोधकर्ता और प्रमुख अर्थशास्त्री कीथ हेम्बर ने कहा, ”इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि अर्थव्यवस्था में जारी उठा-पटक थोड़ी शांत हुई है। आप चाहे जितनी भी आलोचना करें पर इस बात को सिरे से खारिज नहीं किया जा सकता है कि बर्नान्के के कदम सफलता की दिशा में जा रहे हैं।”


 स्थितियां हुई कुछ बेहतर


 जिंस उत्पादों के मूल्यों में लगी आग ठंडी पड़ रही है
 विश्लेषक मानने लगे हैं, प्रयासों को मिलने लगी है सफलता
 महंगाई बढ़ने को लेकर अभी भी कुछ जानकार हैं फिक्रमंद

First Published : March 21, 2008 | 10:04 PM IST