AstraZeneca Vaccine (Source/Unsplash)
Covishield Row: महामारी के बाद से “उपलब्ध अपडेटेड टीकों के ज्यादा वॉल्यूम” के कारण एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) ने दुनिया भर में अपने कोविड-19 वैक्सीन को वापस लेने की पहल शुरू की है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने कहा, “चूंकि कई प्रकार के कोविड-19 टीके विकसित किए गए हैं, इसलिए उपलब्ध अपडेटेड टीकों का वॉल्यूम अधिक है।” इससे वैक्सजेवरिया (Vaxzevria) की मांग में गिरावट आई है, जिसका अब निर्माण या आपूर्ति नहीं की जा रही है। कंपनी ने यह भी कहा कि वह यूरोप के भीतर वैक्सीन वैक्सजेवरिया के विपणन प्राधिकरणों (marketing authorizations) को वापस लेने के लिए पहल करेगी।
हाल ही में, फार्मास्युटिकल दिग्गज एस्ट्रेजेनेका ने ब्रिटिश हाईकोर्ट में स्वीकार किया कि “बहुत ही दुर्लभ मामलों” में, उसकी वैक्सीन ब्लड क्लोटिंग (थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम) का कारण बन सकती है, जिससे दुनियाभर में इस वैक्सीन को लगवाने वाले लोगों के मन में एक डर पैदा हो गया है।
एस्ट्राजेनेका वैक्सजेवरिया वैक्सीन, जिसे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) द्वारा भी निर्मित किया गया था। भारत में इस वैक्सीन की मार्केटिंग कोविशील्ड (Covishield) के नाम से की गई थी।
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पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में एक अपील दायर की गई थी जिसमें कोविशील्ड वैक्सीन के दुष्प्रभावों की जांच के लिए एक चिकित्सा विशेषज्ञ पैनल बनाने का निर्देश जारी करने की मांग की गई थी। वकील विशाल तिवारी ने कहा कि भारत में कोविशील्ड की 175 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं।
यह याचिका वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर की गई थी, जिन्होंने अदालत से उन नागरिकों के लिए वैक्सीन क्षति भुगतान प्रणाली (vaccine damage payment system) स्थापित करने के लिए केंद्र को निर्देश जारी करने का भी आग्रह किया था जो महामारी के दौरान टीकाकरण अभियान के परिणामस्वरूप गंभीर रूप से अक्षम (disabled) हो गए थे।
टेलीग्राफ के अनुसार, वैक्सीन वापस लेने के लिए कंपनी का आवेदन 5 मार्च को किया गया था और 7 मई को प्रभावी हुआ।
लंदन में लिस्टेड एस्ट्राजेनेका ने पिछले साल कई सौदों के माध्यम से रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस के टीके (respiratory syncytial virus vaccines) और मोटापे की दवाओं में आगे बढ़ना शुरू कर दिया था, क्योंकि कोविड-19 वैक्सीन की बिक्री में गिरावट के कारण कंपनी की ग्रोथ धीमी पड़ गई थी।