न्यूयॉर्क फेडरल रिजर्व बैंक के प्रेजिडेंट व सीईओ जॉन विलियम्स ने शुक्रवार को कहा कि महंगाई को करीब 2.5 प्रतिशत के दायरे में घटाकर लाने के लिए महत्त्वपूर्ण प्रगति की गई है लेकिन इसे दो प्रतिशत के दायरे में लाने के लिए अधिक समय की जरूरत है।
विलियम्स ने मुंबई में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा आयोजित चौथे सुरेश तेंडुलकर मेमोरियल लेक्चर में कहा, ‘अभी महंगाई करीब ढाई प्रतिशत के करीब है। हमने इसे घटाने में महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। हमें इसे सतत आधार दो प्रतिशत लाने के लिए सफर तय करना है। हम इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’ विलियम्स ने चेताया कि निकट भविष्य में मौद्रिक नीति का रूपरेखा तय करने में अनिश्चितता जारी रहेगी।
उन्होंने कहा, ‘निकट भविष्य में मौद्रिक नीति के परिदृश्य को निर्धारित करने में अनिश्चिचता की विशेषता कायम रहेगी। यह खासतौर पर सत्य है क्योंकि हम आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, जलवायु परिवर्तन, वैश्वीकरण के विखंडन और फाइनैंशियल सिस्टम में आविष्कार आदि मुद्दों का सामना कर रहे हैं।’
विलियम्स ने कहा कि अर्थशास्त्री उभरते आर्थिक वातावरण और इसके मौद्रिक नीति पर पड़ने वाले प्रभाव को समझने का अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं। किसी को भी यह स्वीकार करना चाहिए कि भविष्य को निर्धारित करने में अनिश्चितता अपनी भूमिका निभाती रहेगी।
हालिया अर्थव्यवस्थाओं में मौद्रिक नीति महंगाई और इसके लक्ष्य को हासिल करने को प्रभावित करने वाला प्रमुख कारक रहेगा। इसका प्रभाव रोजाना दिखाई देता है कि कैसे महंगाई नाटकीय रूप से बढ़ने के बाद लक्ष्य के दायरे की ओर आ रही है। इस प्रक्रिया में मौद्रिक नीति महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाना जारी रखेगी। मौद्रिक नीति से अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होती है लेकिन यह निर्धारक नहीं है।