भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते द्विपक्षीय संबधों का संकेत देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अफगानिस्तान की स्थिति, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भागीदारी, कोविड-19 महामारी से निपटने के प्रयासों और क्षेत्रीय सुरक्षा मजबूत करने के तौर तरीकों पर बुधवार को व्यापक बातचीत की। संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ब्लिंकन ने कहा कि दुनिया में कुछ ही ऐसे संबंध है जो अमेरिका और भारत के रिश्ते से अधिक अहम हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के अग्रणी लोकतंत्रों के तौर पर हम अपने सभी लोगों को स्वतंत्रता, समानता एवं अवसरों को लेकर अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेते हैं।
ब्लिंकन ने कहा कि भारत और अमेरिका के कदम ही 21 वीं सदी और उसके बाद के दौर का स्वरूप तय करेंगे और यही वजह है कि भारत के साथ साझेदारी मजबूत करना अमेरिका की विदेश नीति की शीर्ष प्राथमिकताओं में एक है। अफगानिस्तान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘भारत और अमेरिका इस संकल्पना के प्रति कटिबद्ध है कि उस देश में संघर्ष का कोई सैन्य हल नहीं है। शांतिपूर्ण समाधान के लिए आवश्यक है कि तालिबान एवं अफगान सरकार वार्ता की मेज पर आएं।’ उन्होंने कहा, ‘हमारे (भारत और अमेरिका के) बीच इस बात पर दृढ़ सहमति है कि अफगानिस्तान की कोई भी भावी सरकार सबको साथ लेकर चलने वाली और अफगान लोगों का पूर्ण प्रतिनिधित्व करने वाली हो। यह अफगान के नेतृत्व और अफगान स्वामित्व वाली शांति प्रक्रिया होनी चाहिए।’ उन्होंने कहा कि भारत ने अफगानिस्तान के स्थायित्व एवं विकास में अहम योगदान दिया है और देता रहेगा।
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि यह वार्ता ऐसे अहम पड़ाव पर हुई है जब अहम वैश्विक एवं क्षेत्रीय चुनौतियों के प्रभावी समाधान की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘हमारी द्विपक्षीय साझेदारी इस स्तर तक बढ़ी है कि यह हमें बड़े मुद्दों से मिलकर निपटने में सक्षम बनाती है।’ उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस महामारी स्वाभाविक रूप से खास प्राथमिकता है इसलिए हमने कोविड की चुनौतियों पर चर्चा की। जयशंकर ने कहा, ‘हमारी नजर अफगानिस्तान, हिंद-प्रशांत और खाड़ी क्षेत्र पर है।’ अफगानिस्तान के संदर्भ में उन्होंने कहा कि विश्व स्वतंत्र, संप्रभु, लोकतांत्रिक एवं स्थिर अफगानिस्तान देखना चाहता है।
मोदी से मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र्र मोदी ने भी बुधवार को एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की और भारत-अमेरिका सामरिक साझेदारी को मजबूत करने की राष्ट्रपति जो बाइडन की प्रतिबद्धता का स्वागत किया। मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘आज अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मिलकर बहुत खुशी हुई। भारत-अमेरिकी सामरिक साझेदारी को लेकर राष्ट्रपति बाइडन की मजबूत प्रतिबद्धता का मैं स्वागत करता हूं। यह साझेदारी हमारे साझा लोकतांत्रिक मूल्यों को आकार देता है और वैश्विक भलाई के लिए एक ताकत भी है।’
ब्लिंकन मंगलवार शाम भारत पहुंचे। उनका अन्य नेताओं से भी मुलाकात का कार्यक्रम है। प्रधानमंत्री से मुलाकात से पहले ब्लिंकन ने एक कार्यक्रम में कहा कि भारतीय और अमेरिकी मानवीय गरिमा, अवसरों में समानता, विधि के शासन, धार्मिक स्वतंत्रता समेत मौलिक स्वतंत्रताओं में यकीन रखते हैं।
ब्लिंकन ने बुधवार को तिब्बत के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। इसे बाइडन प्रशासन द्वारा चीन को दिया गया साफ संकेत माना जा रहा है कि वह तिब्बत मुद्दे का समर्थन जारी रखेगा। बैठक में निर्वासित तिब्बत सरकार के अधिकारी और दलाई लामा के प्रतिनिधि न्गोडुप डोंगचुंग ने अमेरिका द्वारा तिब्बत आंदोलन का समर्थन जारी रखने के लिए ब्लिंकन को धन्यवाद दिया।