एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) ने शुक्रवार को नए कैपिटल रिफॉर्म की शुरुआत की, जो 10 सालों में 100 अरब डॉलर की नई फाइनैंशियल कैपासिटी को अनलॉक करेगा। कर्जदाता यानी बैंक जलवायु परिवर्तन और अन्य वैश्विक संकटों से निपटने के लिए अपने विकास और गरीबी-विरोधी मिशन का विस्तार करने के लिए ऐसा कर रहा है।
मनीला स्थित कर्जदाता ने कहा कि वह अपनी जोखिम उठाने की क्षमता को बेहतर कर रहा है और पूंजीकरण (capitalization) के मिनिमम-लेवल को इस तरह से कम कर रहा है कि उसकी टॉप डियर AAA क्रेडिट रेटिंग बरकरार रहे और उसे अपनी उधार प्रतिबद्धताओं (lending commitments) को लगभग 40% बढ़ाकर लगभग 36 बिलियन डॉलर सालाना करने की अनुमति मिल सके।
ADB ने अपनी बैलेंस शीट को बढ़ाने का कदम इस साल की शुरुआत में वर्ल्ड बैंक द्वारा घोषित ऐसे ही उपायों के बाद उठाया है, जिससे एक दशक में कर्ज देने में 50 अरब डॉलर की बढ़ोतरी होगी। लेकिन ADB के प्रबंध महानिदेशक (Managing Director General ) वूचोंग उम ने एक इंटरव्यू में रॉयटर्स को बताया कि अगर एख समान तुलना की जाए तो ADB के प्रयास से की दोगुना नया कर्ज मिलेगा।
फाइनैंस और रिस्क मैनेजमेंट के वाइस चेयरमैन रोबर्टा कैसाली ने कहा, ADB ने पारंपरिक रूप से अधिक कंजर्वेटिव अप्रोच अपनाया है, वर्ल्ड बैंक और अन्य मल्टीलैटेरल डेवलपमेंट बैंकों की तुलना में उच्च जोखिम-समायोजित पूंजी (higher risk-adjusted capital) अनुपात बनाए रखा है।
कैसाली ने कहा, ‘इसलिए जैसा कि ADB ने जोखिमों का विश्लेषण करने और अप्रत्याशित नुकसान के अनुमानों को कम करने के लिए अधिक ‘बारीक’ अप्रोच अपनाया, कर्जदाता के पास कुछ अन्य बैंकों की तुलना में अपने कैपिटल स्ट्रक्चर से नए कर्ज देने के लिए ज्यादा जगह थी।’
वर्ल्ड बैंक ने गुरुवार को कहा कि वह नए पूंजीगत उपायों का प्रस्ताव कर रहा है जो पिछले उपायों से प्राप्त 50 अरब डॉलर के अलावा एक दशक में नए कर्ज में 100 अरब डॉलर से अधिक जोड़ देगा। इनमें कर्ज जैसी हाइब्रिड कैपिटल का उपयोग और लोन पोर्टफोलियो गारंटी का बढ़ा हुआ उपयोग शामिल है।
जलवायु परिवर्तन, महामारी, खाद्य असुरक्षा और कमजोरी से लड़ने के लिए कर्ज देने के विस्तार पर चर्चा 9-15 अक्टूबर को माराकेच, मोरक्को में वर्ल्ड बैंक-IMF की वार्षिक बैठक में एक प्रमुख विषय होगा।
लेकिन ADB के अधिकारियों ने कहा कि विकासशील देशों में वार्षिक जलवायु परिवर्तन फाइनैंशिंग के लिए जरूरतों में अनुमानित 3 ट्रिलियन डॉलर के साथ, कहीं बहुत ज्यादा पूंजी, निजी क्षेत्र की भागीदारी और इनोवेशन की आवश्यकता होगी।
उम ने कहा, ‘आखिरकार, विकासशील एशिया को खरबों डॉलर की जरूरत है, इसलिए हमें अरबों से खरबों तक जाने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा, ‘हम सभी – विश्व बैंक, ADB- को अपनी बैलेंस शीट से जितना संभव हो उतना पैसा निकालने के लिए हर संभव प्रयास करने की जरूरत है।’