US tariffs: अमेरिका भेजे जाने वाले भारतीय सामान पर 50% के भारी-भरकम टैरिफ से झींगा, कपड़ा, चमड़ा और जैम एंड ज्वेलरी समेत कई घरेलू इंडस्ट्री को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा। ऐसे में भारत अपने कपड़ा निर्यात (textiles exports) को बढ़ावा देने के लिए ब्रिटेन, जापान और दक्षिण कोरिया समेत 40 देशों में डेडिकेटेड आउटरीच कार्यक्रम चलाने की योजना बना रहा है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने बुधवार को यह जानकारी दी।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का मुख्य रूप से फोकस ब्रिटेन, जापान और दक्षिण कोरिया पर रहेगा। इसके अलावा जर्मनी, फ्रांस, इटली, स्पेन, नीदरलैंड, पोलैंड, कनाडा, मैक्सिको, रूस, बेल्जियम, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात और ऑस्ट्रेलिया जैसे अन्य देशों में भी अभियान चलाया जाएगा।
अधिकारी ने कहा, “इन 40 बाजारों में भारत एक लक्षित रणनीति अपनाएगा। इसका उद्देश्य भारत को उच्च गुणवत्ता, टिकाऊ और नवाचारी वस्त्र उत्पादों का भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित करना है। इसमें भारतीय उद्योग, ईपीसी और इन देशों में स्थित भारतीय मिशन मुख्य भूमिका निभाएंगे।”
भारत पहले ही 220 से ज्यादा देशों में निर्यात करता है। लेकिन इन 40 आयातक देशों में डायवर्सिफिकेशन की असली संभावनाएं छिपी हैं।
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अधिकारी ने कहा कि ये 40 देश मिलकर वस्त्र और परिधान आयात में 590 अरब डॉलर से अधिक का प्रतिनिधित्व करते हैं। इससे भारत के लिए अपने बाजार हिस्सेदारी को बढ़ाने का बड़ा अवसर है, जो वर्तमान में केवल लगभग 5-6% है।
अधिकारी ने आगे कहा, “इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार इन 40 देशों में प्रत्येक में डेडिकेटेड आउटरीच कार्यक्रम चलाने की योजना बना रही है, जिसमें पारंपरिक बाजारों और उभरते बाजारों दोनों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।”
कपड़ा निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के महासचिव मिथिलेश्वर ठाकुर ने कहा कि 10.3 अरब डॉलर के निर्यात के साथ कपड़ा क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक है। उन्होंने कहा, ‘‘उद्योग अमेरिका द्वारा घोषित 25 प्रतिशत जवाबी शुल्क को लेकर तैयार था। लेकिन, 25 प्रतिशत अतिरिक्त बोझ ने…भारतीय कपड़ा उद्योग को अमेरिकी बाजार से प्रभावी रूप से बाहर कर दिया है। इसका कारण बांग्लादेश, वियतनाम, श्रीलंका, कंबोडिया और इंडोनेशिया जैसे प्रमुख प्रतिस्पर्धी देशों की तुलना में 30-31 प्रतिशत शुल्क के नुकसान के अंतर को पाटना असंभव है।’’
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बीते वित्त वर्ष भारत के 437.42 अरब डॉलर मूल्य के वस्तु निर्यात में अमेरिका का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा था। अमेरिका 2021-22 से भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। 2024-25 में, वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार 131.8 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। इनमें 86.5 अरब डॉलर निर्यात और 45.3 अरब डॉलर आयात था।
(PTI इनपुट के साथ)