प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
भारतीय वायुसेना के लिए स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस मार्क-1A का कार्यक्रम फिर से रफ्तार पकड़ने लगा है। शुक्रवार को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के साथ बड़ा समझौता किया। इसमें GE तेजस के दूसरे बैच के लिए 100 से ज्यादा इंजन सप्लाई करेगी।
HAL ने अपने एक्स अकाउंट पर बताया कि ये करार 113 F404-GE-IN20 इंजन और सपोर्ट पैकेज के लिए है। ये इंजन 97 तेजस Mk1A विमानों के लिए होंगे, जिनका ऑर्डर हाल ही में मिला है। इंजन की डिलीवरी 2027 से 2032 के बीच होगी। इससे कार्यक्रम में देरी की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी।
पहले बैच के 83 तेजस Mk1A का कॉन्ट्रैक्ट फरवरी 2021 में 36,400 करोड़ रुपये में हुआ था। डिलीवरी फरवरी 2028 तक पूरी होनी थी, लेकिन GE से इंजन आने में देरी की वजह से फरवरी 2024 का पहला डिलीवरी डेडलाइन मिस हो गया। HAL ने करीब 10 विमान तो बना लिए हैं, लेकिन ज्यादातर में रिजर्व इंजन लगे हैं।
Also Read: नासिक में HAL ने तीसरी तेजस Mk1A प्रोडक्शन लाइन शुरू की, इस साल हो सकती है पहली डिलीवरी
अब GE ने 30 सितंबर को चौथा इंजन सौंप दिया है। कंपनी को उम्मीद है कि नवंबर में पांचवां इंजन आ जाएगा। इससे सप्लाई स्थिर हो जाएगी। भारतीय वायुसेना को अभी एक भी Mk1A नहीं मिला है। डिलीवरी हथियारों के फायरिंग ट्रायल पूरा होने के बाद शुरू होगी। HAL ने वादा किया है कि वित्त वर्ष 2026 के अंत तक 12 विमान दे देगा।
वायुसेना की स्क्वॉड्रन ताकत 60 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। ऐसे में तेजस जैसे स्वदेशी विमान की जरूरत बहुत है।
सितंबर में HAL को दूसरा ऑर्डर मिला। इसमें 97 Mk1A शामिल हैं – 68 सिंगल सीट फाइटर और 29 ट्विन सीट ट्रेनर। कुल कीमत 62,370 करोड़ रुपये से ज्यादा। डिलीवरी वित्त वर्ष 2028 से शुरू होकर छह साल तक चलेगी।
ये नया इंजन करार इसी ऑर्डर को पूरा करने के लिए है। इससे HAL की प्रोडक्शन लाइन तेज चलेगी और वायुसेना को जल्दी मजबूती मिलेगी। कंपनी के एक सूत्र ने कहा कि अब इंजन की दिक्कत कम हो रही है, काम में स्पीड आएगी।