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Swachh Survekshan 2024-25: सूरत-नवी मुंबई ने दी टक्कर, लेकिन इंदौर फिर से छा गया – देखिए किस नंबर पर है आपका शहर

Swachh Survekshan 2024-25: इंदौर, सूरत और नवी मुंबई पहुंचे सुपर स्वच्छ लीग में, लखनऊ, भोपाल और अहमदाबाद बने नए क्लीन सिटी चैंपियन

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- July 17, 2025 | 4:03 PM IST

इंदौर ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 के नतीजों में इंदौर ने लगातार आठवीं बार देश के सबसे साफ शहर का खिताब अपने नाम किया है। इस बार के सर्वेक्षण में इंदौर के साथ सूरत और नवी मुंबई को भी टॉप थ्री में जगह मिली है। वहीं 3 से 10 लाख की आबादी वाले शहरों की कैटेगरी में नोएडा पहले नंबर पर रहा, जबकि चंडीगढ़ दूसरे और मैसूर तीसरे स्थान पर रहे।

राष्ट्रपति ने दिए स्वच्छता पुरस्कार

स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 के पुरस्कार नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में वितरित किए गए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विजेता शहरों को सम्मानित किया। इस मौके पर केंद्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल और राज्य मंत्री तोखन साहू भी मौजूद थे। यह आयोजन शहरी क्षेत्रों में सफाई और स्वच्छता को बढ़ावा देने वाली सरकार की महत्वाकांक्षी योजना, स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-U) के तहत हुआ।

अब ‘सुपर स्वच्छ लीग’ में शामिल हुए 23 शहर

सरकार ने इस बार एक नई लीग – ‘सुपर स्वच्छ लीग’ – लॉन्च की है, जिसमें टॉप 23 शहरों को शामिल किया गया है। इन शहरों में इंदौर, सूरत, नवी मुंबई के साथ-साथ अहमदाबाद, भोपाल और लखनऊ जैसे शहर शामिल हैं। इन शहरों ने न केवल सफाई के मामले में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है बल्कि नागरिक भागीदारी और कचरा प्रबंधन में भी नई मिसाल कायम की है।

प्रयागराज को मिला बेस्ट गंगा टाउन का खिताब

इस बार प्रयागराज को ‘सर्वश्रेष्ठ गंगा टाउन’ घोषित किया गया। वहीं सिकंदराबाद छावनी बोर्ड को देश का सबसे स्वच्छ छावनी क्षेत्र चुना गया। इसके अलावा विशाखापत्तनम (GVMC), जबलपुर और गोरखपुर को सैफाईमित्र सुरक्षित शहर का खिताब दिया गया – यह उन शहरों को मिलता है जो सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा और गरिमा को प्राथमिकता देते हैं।

महाकुंभ की तैयारी को मिला स्पेशल अवॉर्ड

उत्तर प्रदेश सरकार, प्रयागराज मेला अधिकारी और नगर निगम को महाकुंभ 2024 के दौरान शानदार कचरा प्रबंधन के लिए विशेष पुरस्कार दिया गया। ये आयोजन दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला माना जाता है और इसमें करीब 66 करोड़ लोगों की भीड़ पहुंची थी।

छोटे शहरों ने भी दिखाया दम

इस साल स्वच्छता सर्वेक्षण में बड़े और छोटे शहरों के बीच बराबरी का मौका देने के लिए विशेष बदलाव किए गए। छोटे शहरों को अब बड़े शहरों के साथ मुकाबले का मौका मिला। सरकार की ‘वन सिटी, वन अवॉर्ड’ नीति के तहत हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से एक-एक टॉप शहर को ‘प्रॉमिसिंग स्वच्छ शहर’ का खिताब दिया गया। कुल 34 शहरों को यह सम्मान मिला।

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राष्ट्रपति ने की ‘रिड्यूस-रियूज़-रिसायकल’ मॉडल की तारीफ

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने भाषण में ‘वेस्ट टू वेल्थ’ यानी कचरे से संपत्ति बनाने की सोच की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह मॉडल युवाओं को रोजगार और महिला स्व-सहायता समूहों को अवसर देने का माध्यम बन रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि स्वच्छता अब केवल आदत नहीं, बल्कि संस्कार बन चुका है।

कमजोर शहरों को सिखाएंगे टॉप शहर

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने ‘स्वच्छ सिटी पार्टनरशिप’ प्रोग्राम लॉन्च किया, जिसमें टॉप 78 शहर अब एक-एक कमजोर शहर को मेंटर करेंगे और उन्हें सुधार के रास्ते पर ले जाएंगे। उन्होंने कहा – “हर एक अच्छा शहर, एक कमजोर शहर को अपनाए और उसे ऊपर लाए।”

डंपसाइट सफाई के लिए 1 साल का मिशन शुरू होगा

स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2025 से एक साल का विशेष मिशन “डंपसाइट रेमेडिएशन” भी शुरू किया जाएगा, जिसका मकसद पुराने कचरे की सफाई करना और खाली हुई जमीन का बेहतर इस्तेमाल करना होगा। साथ ही यह कार्यक्रम वैज्ञानिक तरीके से कचरे के निपटान की क्षमता को बढ़ाएगा।

साफ-सफाई बनी हमारी आदत

कार्यक्रम में सचिव श्री श्रीनिवास कटिकिथला ने कहा कि बीते 10 वर्षों में स्वच्छ भारत मिशन ने देश के नागरिकों की सोच बदल दी है। अब सफाई हमारे स्वभाव और संस्कृति का हिस्सा बन चुकी है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ आज का लक्ष्य नहीं है, हमें 2047 तक एक विकसित भारत बनाना है – और स्वच्छता उसकी बुनियाद है।

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First Published : July 17, 2025 | 4:03 PM IST