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Semicon 2.0: चिप उद्योग को मिलेगा देसी आपूर्तिकर्ता से दम, MSME के लिए स्पेशल इंसेंटिव की घोषणा संभव

सरकार ने इस महीने की शुरुआत में सेमीकंडक्टर मिशन के पहले चरण के तहत 4 अन्य सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दी।

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आशीष आर्यन   
Last Updated- August 31, 2025 | 10:36 PM IST

सरकार इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के दूसरे चरण (आईएसएम2) के तहत सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के लिए विशेष प्रोत्साहन की घोषणा कर सकती है। वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस मिशन के 15 अरब डॉलर के आगामी चरण में सरकार की नजर एमएसएमई को बढ़ावा देने पर होगी ताकि उन्हें वैश्विक चिप निर्माताओं के लिए कच्चे माल के आपूर्तिकर्ता बनने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

एक अधिकारी ने कहा, ‘अब हम ऐसी घरेलू कंपनियां तैयार करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो सेमीकंडक्टर कंपनियों को कच्चे माल की आपूर्ति कर सकें। यह आईएसएम2 के तहत प्रमुख प्राथमिकता वाला क्षेत्र होगा। सेमीकंडक्टर के लिए पूरा परिवेश तैयार करना हमारी प्राथमिकता होगी।’ आईएसएम के दूसरे चरण के तहत आवेदन जमा करने वाली संभावित वैश्विक कंपनियों के लिए कारोबारी सुगमता को बेहतर बनाने के लिए सरकार उद्योग के एक प्रस्ताव पर भी विचार कर रही है।

एक अधिकारी ने कहा, ‘पारंपरिक एवं उन्नत दोनों तरह की पैकेजिंग टेक्नॉलजी के लिए ओएसएटी (आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली ऐंड टेस्टिंग) अथवा एटीएमपी (असेंबली, टेस्टिंग, मार्किंग ऐंड पैकेजिंग) इकाई स्थापित करने के लिए समग्र प्रोत्साहन मामूली घटकर 30 या 40 फीसदी हो सकता है। मगर घरेलू आपूर्तिकर्ताओं पर ध्यान अधिक होगा। इससे रोजगार सृजन को भी बढ़ावा मिलेगा।’

अधिकारी ने बताया कि सरकार सेमीकंडक्टर मिशन के दूसरे चरण के अंतिम मसौदे पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए जल्द ही दिशानिर्देश जारी किए जा सकते हैं।

सेमीकंडक्टर मिशन के 78,000 करोड़ रुपये के पहले चरण के तहत सरकार ने अब तक 10 सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इसमें दो चिप विनिर्माण इकाइयां और 8 ओएसएटी या एटीएमपी इकाइयां शामिल हैं। ये इकाइयां गुजरात के साणंद एवं धोलेरा, असम के गुवाहाटी, पंजाब के मोहाली और आंध्र प्रदेश सहित देश भर में मौजूद हैं।

चिप विनिर्माण, ओएसएटी और एटीएमपी इकाइयों के अलावा सरकार ने डिजाइन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के तहत स्टार्टअप को बेहतर प्रोत्साहन देने के लिए एक नए ढांचे को शामिल करने की भी योजना बनाई है।

एक अधिकारी ने कहा, ‘चिप डिजाइन क्षेत्र में की अधिकतर स्टार्टअप धन की कमी के कारण टीआरएल-7 (टेक्नॉलजी रेडीनेस लेवल) को पार करने में असमर्थ हैं। इसके अलावा उन्हें अन्य बड़ी कंपनियों को सस्ते भाव में बेचना पड़ता है। इसलिए हम उनकी मदद करने के तरीकों पर विचार कर रहे हैं।’

सरकार ने इस महीने की शुरुआत में सेमीकंडक्टर मिशन के पहले चरण के तहत 4 अन्य सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दी। स्वीकृत 4 प्रस्तावों में सिक्सेम, कॉन्टिनेंटल डिवाइस इंडिया (सीडीआईएल), 3डी ग्लास सॉल्यूशंस इंक और एडवांस्ड सिस्टम इन पैकेज (एएसआईपी) टेक्नॉलजी से हैं। सिक्सेम और 3डी ग्लास सॉल्यूशंस की परियोजनाएं ओडिशा में होंगी, सीडीआईएल पंजाब की कंपनी है और एएसआईपी का कारखाना आंध्र प्रदेश में स्थापित किया जाएगा।

First Published : August 31, 2025 | 10:36 PM IST