अमेरिका और भारत ने एक भुगतान सुरक्षा प्रणाली तैयार करने की योजना की घोषणा की है जिसके जरिये भारत में ही बनी 10,000 इलेक्ट्रिक बसों को देश की सड़कों पर उतारने की सुविधा मिलेगी।
यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा के दौरान की गई। इसके जरिये ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने, सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार करने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में विविधता लाने की भारत की कोशिशों को बढ़ावा मिलेगा।
व्हाइट हाउस ने गुरुवार देर रात जारी एक संयुक्त बयान में कहा, ‘राष्ट्रपति बाइडन और प्रधानमंत्री मोदी ने परिवहन क्षेत्र को कार्बन मुक्त रखने के महत्त्व पर जोर देते हुए उत्सर्जनरहित वाहनों की तैनाती में तेजी लाने के साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सार्वजनिक और निजी फंडिंग को बढ़ावा देने के वास्ते निरंतर सहयोग की बात की है। इसके साथ ही स्थायी विमानन ईंधन सहित जैव ईंधन के विकास पर भी जोर दिया गया।’
इसके लिए, इस साल जुलाई में वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन की शुरुआत होगी जिसमें अमेरिका एक संस्थापक सदस्य होगा। भुगतान सुरक्षा प्रणाली, बस निर्माताओं को आश्वस्ति देने में भी मदद करेगी जो ई-बस निविदाओं के लिए बोली लगाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे थे।
भुगतान सुरक्षा तंत्र के निर्माण से भारत को अपने परिवहन क्षेत्र को कार्बनरहित करने और वर्ष 2030 तक 40 प्रतिशत ई-बस का संचालन करने में मदद मिलेगी।