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भारतीय भाषाओं में खबरों को देखने-पढ़ने वाले उपभोक्ताओं के समूह में काफी विविधता देखी जा रही है जो एक बड़े और समान तरह के ‘क्षेत्रीय’ उपभोक्ता की धारणाओं के विपरीत है।
गूगल न्यूज और कैंटर की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि सात में से एक (15 फीसदी) उपयोगकर्ता ऑनलाइन समाचार के लिए जेब खर्च करने के लिए तैयार हैं। यह आंकड़ा उन उपयोगकर्ताओं की तुलना में 1.5 गुणा (22 फीसदी) अधिक है जो खबरों से जुड़े वेबसाइटों तथा ऐप पर समाचार पढ़ते और देखते हैं।
‘इंडियन लैंग्वेजेज-अंटरस्टैंडिंग इंडियाज डिजिटल न्यूज कंज्यूमर’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में भारतीय भाषाओं के ऑनलाइन समाचार उपभोक्ताओं का जायजा लेकर यह पता करने की कोशिश की गई कि वे किस तरह की समाचार सामग्री को वरीयता देते हैं और उनका रुझान कैसा है।
भारतीय भाषा के उपभोक्ता यूट्यूब (93फीसदी), सोशल मीडिया (88 फीसदी) और चैट ऐप्स (82 फीसदी) के साथ ऑनलाइन खबरों के लिए औसतन 5.05 मंच का उपयोग करते हैं। भारतीय भाषाओं के लगभग 45 फीसदी ऑनलाइन समाचार उपयोगकर्ता, समाचार प्रकाशकों की वेबसाइटों या ऐप के माध्यम से समाचार खोजते हैं।
गूगल इंडिया के कंट्री हेड और उपाध्यक्ष संजय गुप्ता ने कहा, ‘कई भारतीय भाषाओं में बड़े पैमाने पर सामग्री का अनुवाद किया जा सकता है ऐसे में भारतीय भाषा सामग्री से जुड़े मौके अब किसी भौगोलिक दायरे की बाधा तक सीमित नहीं हैं बल्कि अब इनका दायरा क्षेत्रीय के बजाय वैश्विक स्तर तक हैं।
भारतीय भाषाओं में डिजिटल समाचार के बेहतर और समृद्ध उपभोक्ताओं के साथ डिजिटल समाचार प्रकाशकों सहित सामग्री कारोबार से जुड़े लोगों के लिए वृद्धि के नए रास्ते तैयार करने की क्षमता है।’भारतीय भाषाओं के दो इंटरनेट उपयोगकर्ताओं में से एक भारत संबंधी समाचारों देखते और पढ़ते हैं जबकि इस रिपोर्ट में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि विभिन्न भाषाओं को तरजीह देने वाले उपभोक्ता भी अलग-अलग सामग्री के लिए तरजीह देते हैं।
उदाहरण के तौर पर मनोरंजन, अपराध और राष्ट्रीय, राज्य या शहर से संबंधित खबरें समाचार की मुख्य श्रेणियां है जिन्हें पाठक तरजीह देते हैं वहीं मलयालम समाचार के पाठकों की दिलचस्पी अंतरराष्ट्रीय समाचार और शिक्षा से जुड़ी खबरों में है और वे इन्हें ही प्राथमिकता देते हैं जबकि बांग्लाभाषी पाठक खेल की खबरें पसंद करते हैं।
कैंटर के निदेशक (बी2बी ऐंड टेक्नोलॉजी) विश्वप्रिया भट्टाचार्य ने कहा, ‘भारतीय भाषाओं के समाचार उपभोक्ताओं को पारंपरिक रूप से हमेशा कम समृद्ध माना जाता है और अंग्रेजी भाषा के समाचार उपभोक्ताओं की तुलना में उनमें जटिल सामग्री के लिए उतनी उत्सुकता नहीं होती है।
हालांकि यह अध्ययन उस मिथक को तोड़ता है। भाषायी समाचार के उपभोक्ताओं में काफी विविधता है और उनका ताल्लुक शहरी वर्ग से है जो डिजिटल मंच पर खबरों को पढ़ने के लिए भुगतान करने की इच्छा भी रखते हैं। इससे प्रकाशकों और विज्ञापनदाताओं के लिए बड़े मौके बन सकते है।’
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कैंटर ने नवंबर 2022 से मार्च 2023 तक 16 शहरों में 64 से अधिक चर्चा आयोजित कराई और इसके अलावा 14 राज्यों के 43 शहरी क्षेत्रों में 4600 से अधिक व्यक्तिगत साक्षात्कार कराए गए। इसमें बांग्ला, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, तमिल और तेलुगु जैसी 8 भाषाओं को कवर किया गया और इस सर्वेक्षण में 15 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुष और महिलाओं ने हिस्सा लिया। इस रिपोर्ट में भारतीय भाषा के डिजिटल समाचार उपभोक्ताओं के बारे में व्यापक तौर पर बताया गया है।
भारतीय भाषा के ऑनलाइन समाचारों के पाठक, कुल भारतीय भाषा इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की तुलना में अधिक परिपक्व और समृद्ध हैं। भारतीय भाषा के समाचार उपभोक्ताओं में ऑनलाइन लेनदेन (यूपीआई, शॉपिंग और ओटीटी) के लिए भी स्पष्ट रूप से रुझान है।