मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़

MP: उड़ान भरने को तैयार एग्रीकल्चर ड्रोन

नागर विमानन मंत्रालय के अधीन आने वाली यह स्वायत्त संस्था किसानों को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण प्रदान करेगी।

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संदीप कुमार   
Last Updated- August 25, 2023 | 11:43 AM IST

मध्य प्रदेश के 120 से अधिक किसानों ने राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई व्यवस्था के अधीन ड्रोन उड़ाने की इजाजत मांगी है। प्रदेश सरकार न केवल किसानों को ड्रोन उड़ाने का लाइसेंस दिलाने में मदद कर रही है बल्कि उन्हें Agriculture Drone खरीदने और उसे उड़ाना सीखने का प्रशिक्षण लेने के लिए सब्सिडी भी उपलब्ध करा रही है।

प्रदेश सरकार ने अमेठी स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी के साथ एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं। नागर विमानन मंत्रालय के अधीन आने वाली यह स्वायत्त संस्था किसानों को ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण प्रदान करेगी।

सरकारी अधिकारियों के मुताबिक एक किसान को प्रशिक्षण देने पर 30,000 रुपये की लागत आएगी जिसे किसानों और सरकार के बीच आधा-आधा बांटा जाएगा।

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कृषि अभियांत्रिकी महानिदेशालय के संयुक्त निदेशक पवन सिंह श्याम कहते हैं कि किसानों को लाइसेंस मिलने के बाद जरूरी सब्सिडी प्रदान की जाएगी। कृषि मंत्रालय कृषि उपज संस्थानों को 7.5 लाख रुपये तक की यानी 75 फीसदी सब्सिडी, महिलाओं और अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों को 5 लाख रुपये तक की 50 फीसदी सब्सिडी और अन्य किसानों को 4 लाख रुपये तक की 40 फीसदी सब्सिडी प्रदान कर रहा है।

खेती में Agriculture Drone का इस्तेमाल करके किसान न केवल कीटनाशकों का छिड़काव कर सकेंगे बल्कि वे अपने खेतों की बेहतर निगरानी भी कर सकेंगे। इससे उन्हें लागत और समय दोनों बचाने में मदद मिलेगी।

विशेषज्ञों के अनुमान के मुताबिक एक किसान ड्रोन की मदद से 15 मिनट में एक एकड़ खेत पर छिड़काव कर सकेगा और इसकी लागत करीब 500 रुपये आयेगी। फिलहाल इस काम में उसे दो से तीन मजदूरों के साथ लगना पड़ता है और खर्च भी करीब 2,000 रुपये आता है।

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First Published : August 25, 2023 | 11:43 AM IST