माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और मुख्य कार्याधिकारी सत्य नडेला का मानना है कि न केवल डिजिटल प्रौद्योगिकी की दिशा में, बल्कि नीति के संबंध में भी योगदान देने में यह भारत का क्षण है। तीन साल के अंतराल के बाद भारत की चार दिवसीय यात्रा पर आए नडेला का कहना है कि इस यात्रा पर उन्हें भारत में जो आत्मविश्वास और जोश दिख रहा है, वह काफी अलग है।
बेंगलूरु में माइक्रोसॉफ्ट के ‘फ्यूचर रेडी समिट’ कार्यक्रम से इतर मीडिया के साथ हुई संक्षिप्त बातचीत पर आधारित कुछ अंश …
एक अलग भारत
इस यात्रा पर मैंने भारत में जो आत्मविश्वास, ऊर्जा और जोश अनुभव किया है, वह बहुत अलग है। विशेष रूप से दुनिया भर में जो हो रहा है, उस संदर्भ में मैंने पहले भी यह कहा है, भारत में डिजिटल रूप से सार्वजनिक वस्तुओं के साथ जो हो रहा है, वह असाधारण है। मैंने दुनिया में कहीं और ऐसा कुछ कभी नहीं देखा है। डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं का निर्माण एक हिस्सा है, लेकिन इस संबंध में लगातार गुणवत्ता स्तर बढ़ाना कि जिससे निजी उद्यम अब भी बड़े स्तर पर मूल्य जोड़ सकते हों, अनुकरणीय है।
इसने डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं का एक बेहतरीन चक्र निर्मित किया है, निजी उद्यमों को प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की अनुमति देकर लगातार गुणवत्ता स्तर उठाता है, जिससे फिर नागरिकों की लेनदेन लागत कम हो जाती है और जिसे सरकारी नीतियों द्वारा और अधिक मजबूत किया जाता है।
मुझे लगता है कि यह भारत का क्षण है। भारत डिजिटल प्रौद्योगिकी के साथ-साथ नीतिगत पक्ष में भी योगदान करने की अगुआई कर रहा है। ऐसी गाथा लिखे जाने की जरूरत है ताकि दुनिया में हर कोई इससे लाभान्वित हो सके। इसके अलावा भारत द्वारा जी20 का नेतृत्व एक महान क्षण है। हम, माइक्रोसॉफ्ट में, स्पष्ट रूप से इसका हिस्सा बनना चाहते हैं।
दुनिया के लिए मेक इन इंडिया
हम भारत में निर्माण कर रहे हैं। भारत में हमारा दूसरा सबसे बड़ा कर्मचारी आधार है। इससे भी खास बात यह है कि हम भारत में अपनी पूंजी का निवेश कर रहे हैं और डेटा केंद्रों का निर्माण कर रहे हैं। हमारे पास तीन ‘डेट रिजन’ हैं, चौथा आ रहा है और यह बड़े स्तर वाला निवेश है तथा ये तेजी से बढ़ रहे हैं। अब हम केवल एक सॉफ्टवेयर कंपनी नहीं हैं।
जब हमारे पास कुछ स्फीतिकारी शक्तियां होती हैं, तो हमें एक विश्वस्तरीय तकनीक की आवश्यकता होती है जो अपस्फीतिकारक शक्ति के रूप में काम कर सके। हर कोई हर अर्थव्यवस्था में लेनदेन की कम लागत, नवीनतम नवाचार चाहता है।
प्रौद्योगिकी का भविष्य
स्पष्ट रूप से कृत्रिम मेधा का भविष्य है। यह एक ऐसा चलन है, जिसके बारे में हम आने वाले वर्षों में बात करेंगे। मेरे लिए बड़ी बात सिर्फ तकनीकी सफलताओं को लेकर नहीं बल्कि इसे लेकर है कि इसे वास्तविक तौर पर कैसे इस्तेमाल किया जाए जिसका व्यापक असर हो। तकनीक के लिए तकनीक का इस्तेमाल अब समाप्त हो गया है। अब इसे सामाजिक प्रभाव के संदर्भ में उपयोगी बनाए जाने की जरूरत है।
भारतीय बाजार में संभावनाएं
भारत मौजूदा समय में हमारे लिए एक आकर्षक बाजार है। हम ग्राहकों, भागीदारों पर ध्यान केंद्रित कर भारत में डिजाइन तैयार करेंगे और निर्माण भी करेंगे। दरअसल, यदि कोई भारतीय डिजाइन कामयाब होता है तो हमें उसके लिए तकनीकी राह पर मजबती से आगे डटे रहने की जरूरत होगी।