PTI
संयुक्त राष्ट्र की विश्व जल विकास रिपोर्ट 2023 में यह आगाह किया गया है कि वैश्विक शहरी आबादी का एक-तिहाई से लेकर लगभग आधा हिस्सा 2050 में पानी की कमी का सामना कर सकता है और भारत इस जल संकट से सबसे बुरी तरह प्रभावित होने वाले देशों में से एक होगा।
यह रिपोर्ट ‘45 वर्षों में पानी की स्थिति पर पहले बड़े संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन’ की शुरुआत से ठीक एक दिन पहले मंगलवार को पेश की गई थी। वर्ष 2020 के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया की 26 प्रतिशत आबादी यानी करीब दो अरब लोगों की सुरक्षित तरीके से प्रबंधित पेयजल सेवाओं तक पहुंच नहीं थी और अनुमानित तौर पर 46 प्रतिशत यानी करीब 3.6 अरब आबादी की सुरक्षित रूप से प्रबंधित सफाई व्यवस्था तक पहुंच की कमी थी।
रिपोर्ट में 2030 तक सभी की स्वच्छ जल तक पहुंच और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के अभियान का जिक्र करते हुए कहा गया है कि अगर देश मौजूदा रास्ते पर ही चलता रहा तब दुनिया इस लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाएगी।
पानी की कमी का सामना करने वाली वैश्विक शहरी आबादी 2016 में 93.3 करोड़ थी जो (वैश्विक शहरी आबादी का एक-तिहाई हिस्सा है) बढ़कर 2050 में 1.7-2.4 अरब (वैश्विक शहरी आबादी का लगभग आधा) होने का अनुमान है, जिसमें पानी की कमी से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाली शहरी आबादी (15.3-42.2 करोड़ लोगों की वृद्धि) में वृद्धि के लिहाज से भारत के सबसे गंभीर रूप से प्रभावित होने का अनुमान है।