घरेलू बचत करने के बदल गए हैं मायने

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 5:11 PM IST

भारतीय घरों में संपत्ति जुटाने के तरीके में बदलाव आ रहा है। अब देशवासी बचत के लिए तेजी से भौतिक संपत्तियों की ओर बढ़ रहे हैं जबकि पहले वे वित्तीय संपत्ति को ज्यादा तवज्जो देते थे।


सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 2006-07 में घरेलू क्षेत्र में बचत की गई भौतिक परिसंपत्ति 16.12 फीसदी बढ़कर 5,17,837 करोड़ रुपये रही। इसकी तुलना में साल 2005-06 में यह बचत 4,45,915 करोड़ रुपये थी। दूसरी ओर 2006-07 में लोगों द्वारा जुटाई वित्तीय परिसंपत्ति 11.20 फीसदी बढ़कर 4,67,985 करोड़ रुपये थी जबकि इसकी तुलना में साल 2005-06 में यह बचत 4,20,841 करोड़ रुपये थी।


यस बैंक के प्रमुख अर्थशास्त्री शुब्दा राय ने बताया, ‘शेयर बाजार और रियल एस्टेट मार्केट में आए बूम के कारण ही देश की जनसंख्या का एक वर्ग भौतिक परिसंपत्तियों में निवेश की ओर मुड़ा। इसके अलावा, लघु बचत में थोड़ा संकुचन रहा। अर्ध्द-ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग पूंजी में वृध्दि करने के लिए निवेश के अन्य विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं। शहरी इलाकों में रहने वाले लोग सोने में निवेश कर रहे हैं।’


भारतीय रिजर्व बैंक के मार्च 2008 के बुलेटिन से यह साफ होता है कि साल 2003-04 और 2006-07 के बीच घरों की  बचत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 23.8 फीसदी थी। इसकी तुलना में साल 1997-98 से 2002-03 में घरेलू बचत जीडीपी का 20.8 फीसदी थी। मसलन साल 2003-04 और 2006-07 में भौतिक परिसंपत्तियों में बढ़ोतरी हुई, जो जीडीपी की 12.7 फीसदी थी।


इसके मुकाबले साल 1997-98 से 2002-03 में लोगों द्वारा बचत की गई भौतिक परिसंपत्ति जीडीपी की 10.5 फीसदी थी।एक अंतरराष्ट्रीय बैंक के अर्थशास्त्री ने बताया, ‘उपभोक्तावाद और बैंकों के क्रेडिट की उपलब्धता के कारण घरेलू वित्तीय खर्चो में इजाफा हुआ है। शेयर बाजार और रियल एस्टेट में बीते साल आए उछाल ने बहुत सारे निवेशकों को शेयर और डिवेंचर में निवेश करने को आकर्षित किया था।


ब्याज दरों में बढ़ोतरी होने के बावजूद उपभोक्ताओं ने घर खरीदे। इस लिहाजा से उपभोक्ताओं की बचत खरीदारी में तब्दील हो गई।’बहरहाल, साल 2006-07 में घरेलू क्षेत्र में बैंक के ऋण में इजाफा देखा गया, जो 55 फीसदी बढ़कर 2,72,136 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। जबकि इसके पिछले वित्तीय वर्ष में यह 1,75,010 करोड़ रुपये पर था।


इसके अलावा साल 2006-07 में घरेलू बचत के लिए म्युचुअल फंड सहित शेयर और डिवेंचर में किए जाने वाला निवेश बढ़कर 62.31 फीसदी से 48,228 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था। जबकि साल 2005-06 में यह 29,712 करोड़ रुपये था। यही नहीं इस दौरान बैंक के जमा राशि में 53.64 फीसदी की बढ़ोतरी, जीवन बीमा फंड में 36.34 फीसदी और पेंशन फंडों में 10.95 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।

First Published : March 27, 2008 | 11:10 PM IST