वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को साफ कहा कि 2,000 रुपये से ज्यादा के UPI लेनदेन पर GST लगाने की कोई योजना नहीं है। मंत्रालय ने ऐसी खबरों को पूरी तरह “झूठा, भ्रामक और बिना किसी आधार के” बताया। मंत्रालय ने कहा, “इस समय सरकार के पास ऐसा कोई प्रस्ताव विचार के लिए नहीं है।”
UPI ट्रांजैक्शन पर MDR नहीं, तो GST भी नहीं
मंत्रालय ने समझाया कि GST सिर्फ उन्हीं चार्ज पर लगता है जो पेमेंट करते समय लिए जाते हैं, जैसे मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR)। लेकिन जनवरी 2020 से CBDT ने P2M यानी व्यक्ति से व्यापारी को किए गए UPI ट्रांजैक्शन पर MDR को हटा दिया है। चूंकि अब इन ट्रांजैक्शन पर कोई MDR नहीं लिया जा रहा है, इसलिए स्वाभाविक रूप से GST भी नहीं लगाया जाता।
PCI ने मांगा था 0.30% MDR लागू करने का सुझाव
हाल ही में पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सुझाव दिया था कि बड़े व्यापारियों पर UPI ट्रांजैक्शन के लिए 0.30% MDR लागू किया जाए। इसके साथ ही RuPay डेबिट कार्ड के लिए भी हर तरह के व्यापारियों पर MDR स्ट्रक्चर लागू करने की मांग की गई थी।
सरकार ने घटा दी है इंसेंटिव की रकम
यह मांग ऐसे समय में आई थी जब सरकार ने छोटे लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए दिए जाने वाले इंसेंटिव में कटौती की थी। वित्त वर्ष 2025 के लिए सरकार ने BHIM-UPI से व्यापारी को किए जाने वाले लो-वैल्यू ट्रांजैक्शन पर सिर्फ ₹1,500 करोड़ का प्रावधान किया है, जबकि पिछले साल यह राशि ₹3,268 करोड़ थी।