भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के अध्यक्ष ओ पी भट्ट ने कहा कि अगले कुछ हफ्तों में इंश्योरेंस आस्ट्रेलिया ग्रुप (आईएजी) के साथ साधारण बीमा उद्यम की शर्तें को अंतिम स्वरूप दिया जाएगा।
उन्होंने पीटीआई को बताया ” यह अंतिम चरण में है और हम भारतीय रिजर्व बैंक से स्वीकृति मांग रहे हैं। भट्ट ने कहा कि आपसी समझौता होने के बाद संयुक्त उद्यम बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकार :इरडा: से संपर्क किया जाएगा। इरडा से मंजूरी मिलने में आम तौर पर तीन से छह महीने लगते हैं।
दोनों पक्षों ने इस साल मई में प्रस्तावित बीमा कारोबार के लिए एक नई कंपनी बनाने के बारे में एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था। इस समझौते के तहत एसबीआई के पास कंपनी की 74 फीसदी हिस्सेदारी होगी जबकि शेष 26 फीसदी आस्ट्रेलियाई भागीदार के बाद होगी।
एसबीआई ने अपने साधारण बीमा कारोबार के लिए परामर्शक के तौर पर अर्न्स्ट एंड यंग को नियुक्त किया है। करीब 10, 000 शाखाओं के विशाल नेटवर्क वाले एसबीआई के गैर जीवन बीमा क्षेत्र में प्रवेश से मौजूदा 20 कंपनियों को उल्लेखनीय चुनौती मिलेगी।
देश के साधारण बीमा उद्योग में सार्वजनिक क्षेत्र की चार प्रमुख कंपनियों यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस, न्यू इंडिया एश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस और नैशनल इंश्योरेंस के अलावा दर्जन भर निजी क्षेत्र की कंपनियां हैं। तेरह करोड़ से ज्यादा ग्राहकों वाला देश का यह विशालतम बैंक अपनी सहयोगी कंपनी एसबीआई लाईफ के जरिए जीवन बीमा कारोबार में पहले से ही परिचालन कर रही है।
एसबीआई लाईफ इंश्योरेंस की चुकता पूंजी 600 करोड़ रूपए की है जिसका फ्रांस के कार्दिफ एसए के साथ संयुक्त उद्यम है। आईएजी, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, एशिया और ब्रिटेन की साधारण बीमा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी है।