जून तिमाही में आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के वित्तीय प्रदर्शन पर खुदरा ब्रोकिंग राजस्व में गिरावट का असर पड़ा, जो सालाना आधार पर 25 फीसदी घटा जबकि तिमाही आधार पर उसमें 19 फीसदी की गिरावट आई और यह 260 करोड़ रुपये रह गया। कुल राजस्व हालांकि सालाना आधार पर 6 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 790 करोड़ रुपये पर पहुंचा, जिसे अनुमान से ज्यादा ब्याज आय और वितरण आय से सहारा मिला।
ब्रोकरेज का शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 12 फीसदी घटकर 270 करोड़ रुपये रह गया, जिस पर कर्मचारियों की बढ़ती संख्या व परिचालन लागत का असर पड़ा।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के क्लाइंटों में बढ़त की रफ्तार सुस्त रही और यह 27.7 फीसदी बढ़कर 4.5 लाख रहा जबकि ऐक्टिव ग्राहकों की संख्या तिमाही आधार पर महज 5.3 फीसदी बढ़कर 32 लाख रही।
विश्लेषकों ने कहा कि ब्रोकरेज के ब्रोकिंग कारोबार पर दबाव पूरे उद्योग पर दिख रहे अवरोध का संकेतक है क्योंकि नकदी बाजार का वॉल्यूम घटा है, क्लाइंटों की संख्या ज्यादा नहीं बढ़ रही और ऐक्टिव क्लाइंटों की संख्या स्थिर हो गई है।
आईआईएफएल ने एक नोट में कहा, उद्योग में स्पष्ट तौर पर सुस्ती है क्योंकि नए डीमैट खातों की संख्या, एनएसई के ऐक्टिव क्लाइंटों और नकदी वॉल्यूम में इजाफा नहीं हो रहा। 2022-23 की पहली तिमाही में मासिक आधार पर नकदी वॉल्यूम घटा, जो कमजोर प्रवृत्ति का संकेत देता है।
चूंकि पूरा ब्रोकिंग उद्योग राजस्व में नरमी का सामना कर रहा है, लेकिन आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज पर ज्यादा असर इसलिए पड़ा क्योंकि नकदी बाजार पर उसकी निर्भरता ज्यादा है।
मोतीलाल ओसवाल के नोट में कहा गया है, व्यापक इक्विटी बाजारों से राजस्व के ज्यादा जुड़ाव के कारण आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने हालिया समय में मुश्किल वक्त का सामना किया है। ये चीजें ब्रोकिंग राजस्व में तेज गिरावट के तौर पर नजर आई है क्योंकि नकदी वॉल्यूम पर उसकी निर्भरता अपेक्षाकृत ज्यादा है। इसके अलावा प्राइमरी इश्यू भी काफी हद तक घटी है।
चूंकि ब्रोकिंग कारोबार का परिदृश्य धूंधला है, ऐसे में विश्लेषकों ने वित्तीय अनुमान में कटौती की है।
आईआईएफएल ने वित्त वर्ष 23 व वित्त वर्ष 24-25 के लिए राजस्व अनुमान 4 फीसदी घटाया है। मोतीलाल ओसवाल ने वित्त वर्ष 23 व वित्त वर्ष 24 के लिएआय अनुमान में करीब 2.5 फीसदी की कटौती की है। इलारा का मानना है कि आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज वित्त वर्ष 23 में 1,031 करोड़ रुपलये का लाभ अर्जित करेगी जबकि वित्त वर्ष 24 में 1,200 करोड़ रुपये, जो 2021-22 के 1,383 करोड़ रुपये के मुकाबले कम है, जो ब्रोकिंग उद्योग के लिए मजबूत वर्ष रहा था।
राजस्व भी वित्त वर्ष 22 के 3,348 करोड़ रुपये के मुकाबले वित्त वर्ष 23 में घटकर 2,964 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 24 में 3,187 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
इस साल आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का शेयर 40 फीसदी टूटा है। विश्लेषकों ने कहा कि तेज गिरावट ने ज्यादातर नकारात्मक चीजों को समाहित किया है और मौजूदा मूल्यांकन सस्ता है। ईलारा ने इस शेयर का कीमत लक्ष्य 510 रुपये तय किया है, जो वित्त वर्ष 24 के उसके आय अनुमान का 14 गुना बैठता है जबकि लंबी अवधि का मूल्यांकन 15 गुना है।
