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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बढ़ती शिकायतों और ओम्बड्समैन सिस्टम पर बढ़ते बोझ को देखते हुए दो महीने का एक खास अभियान शुरू करने का फैसला किया है। इस अभियान के तहत 30 दिन से ज्यादा समय से लंबित सभी शिकायतों का जल्दी निपटारा किया जाएगा। यह विशेष मिशन 1 जनवरी 2025 से फरवरी 2026 तक चलेगा।
पिछले कुछ महीनों में बैंकिंग और डिजिटल लेन-देन से जुड़ी शिकायतों में तेज़ बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिससे ओम्बड्समैन सिस्टम पर दबाव काफी बढ़ गया। RBI के मुताबिक, भले ही 99.8% शिकायतें निर्धारित समय में निपटा दी जाती हैं, लेकिन कुल शिकायतों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि पेंडेंसी रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई।
RBI के ताजे आंकड़े बताते हैं कि FY 2024-25 में कुल 13.34 लाख शिकायतें दर्ज की गईं, जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 13.55% अधिक हैं। इनमें-
सबसे ज्यादा शिकायतें लोन और एडवांस से जुड़ी रहीं (29.25%)
क्रेडिट कार्ड से संबंधित शिकायतें दूसरे स्थान पर रहीं
मोबाइल और ई-बैंकिंग शिकायतों का हिस्सा घटकर 12.74% रह गया
कुल शिकायतों में 81.53% बैंक और 14.80% NBFC से संबंधित थीं
इतनी बड़ी संख्या में शिकायतें आने से पूरा सिस्टम ओवरलोड होने लगा, इसलिए RBI ने तय किया कि अब लंबित मामलों को तेज़ी से साफ किया जाए।
RBI की ओम्बड्समैन स्कीम ग्राहकों को सुरक्षा देने के लिए बनाई गई है। अगर बैंक या NBFC-
गलत चार्ज लगाती है
मिस-सेलिंग करती है
डिजिटल ट्रांजैक्शन फेल होता है
कस्टमर सर्विस खराब मिलती है
अकाउंट से गलत कटौती की जाती है
तो ग्राहक सीधे ओम्बड्समैन के पास शिकायत दर्ज कर सकता है।
लेकिन शिकायतों की संख्या बढ़ने से कई केस एक महीने से ज्यादा समय तक लंबित रहने लगे थे। यह स्थिति ग्राहकों और सिस्टम—दोनों के लिए परेशानी बन गई थी।
RBI का यह खास अभियान पुराने मामलों को जल्दी निपटाकर सिस्टम को फिर से सुचारु बनाने में मदद करेगा। इसका उद्देश्य केवल पेंडेंसी कम करना ही नहीं है, बल्कि बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं को अधिक ग्राहक-केंद्रित और जवाबदेह बनाना भी है।
RBI के इस विशेष अभियान का सबसे बड़ा लक्ष्य 30 दिन से ज्यादा पुरानी शिकायतों को तुरंत निपटाना है। बैंकिंग रेगुलेटर चाहता है कि भविष्य में कोई भी केस लंबे समय तक अटका न रहे और ग्राहकों को जल्दी समाधान मिले। इसके साथ शिकायत निपटाने की गति और गुणवत्ता दोनों बेहतर करने पर जोर दिया जा रहा है।
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बैंकों और NBFCs से कहा है कि उन्हें अब पूरी तरह ग्राहक-केंद्रित नीति अपनानी होगी। रिजर्व बैंक पहले से ही पारदर्शिता बढ़ाने के लिए हर महीने लंबित और निपटाए गए मामलों की रिपोर्ट जारी कर रहा है। अब इस अभियान के जरिए पूरे सिस्टम में और ज्यादा जवाबदेही लाने की कोशिश हो रही है, ताकि ग्राहकों का भरोसा बढ़ सके।
देश में डिजिटल फाइनेंस तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ ही धोखाधड़ी, असफल ट्रांजैक्शन, गलत बिलिंग, ज्यादा चार्जिंग, फर्जी लोन ऐप और खराब कस्टमर सर्विस जैसी परेशानियां भी बढ़ गई हैं। ग्राहक बढ़ने के साथ शिकायतों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।
ऐसे माहौल में RBI का यह कदम बेहद जरूरी माना जा रहा है। यह अभियान न सिर्फ पुराने मामलों को खत्म करेगा, बल्कि बैंकों और अन्य रेगुलेटेड संस्थानों को यह स्पष्ट संदेश भी देगा कि अब देरी या लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। ग्राहक छोटा हो या बड़ा, वह सिस्टम का सबसे अहम हिस्सा है और उसकी सुरक्षा व सुविधा सबसे पहले आती है।