वित्त-बीमा

RBI की चेतावनी, बिगटेक कंपनियों का बढ़ता दबदबा और संभावित खतरे

भारत में 6 बैंकों ने यूपीआई भुगतान के लिए 7 बिग टेक से साथ समझौता किया है और इसमें अधिकांश समझौता निजी बैंकों के साथ हुए हैं।

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सुब्रत पांडा   
Last Updated- July 29, 2024 | 11:10 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक ने आगाह करते हुए कहा है कि बिगटेक कंपनियां तेजी से इतनी बड़ी और बाजार पर दबदबा स्थापित करने वाली हो सकती हैं कि इसके गंभीर नतीजे हो सकते हैं। रिजर्व बैंक ने कहा है कि बिगटेक कंपनियां अपनी विशिष्ट विशेषताओं, व्यापक समूह की इकाइयों, एक दूसरे से जुड़ी गतिविधियों के कारण जोखिम प्रोफाइल के आकलन को लेकर महत्त्वपूर्ण चुनौतियां पेश कर सकती हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़ी टेक कंपनियों द्वारा व्यापक रूप से डेटा एकत्र करने से प्रतिकूल आर्थिक परिणाम हो सकते हैं, जिनका उपयोग वे अपने उत्पादों के पक्ष में कर सकती हैं। रिपोर्ट में यह चेतावनी भी दी गई है कि अपने प्लेटफॉर्म के माध्यम से वित्तीय संस्थानों तक पहुंच बनाने, प्रोडक्ट बंडलिंग और क्रॉस सब्सिडी जैसे गतिविधियों में शामिल होकर बड़ी टेक कंपनियां ज्यादा मुनाफा कमाती हैं, जिसके प्रतिकूल परिणाम हो सकते हैं।

भारत में 6 बैंकों ने यूपीआई भुगतान के लिए 7 बिग टेक से साथ समझौता किया है और इसमें अधिकांश समझौता निजी बैंकों के साथ हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि बिगटेक समर्थित ऐप्लीकेशंस ने भारत के भुगतान उद्योग में अपनी जगह बनाई है और यूपीआई भुगतान की संख्या और मूल्य के हिसाब से 90 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी उनकी है।

बिगटेक प्लेटफॉर्म मल्टिपल कॉटेक्टलेस पेमेंट ऑप्शन पेशकरते हैं, जिसमें गेटवे के माध्यम से भुगतान, प्लेटफॉर्म केंद्रित डिजिटल वालेट, को ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड, खरीद बिल को मासिक किस्तों में बदलना (ईएमआई या नो कॉस्ट ईएमआई) और बाई नाऊ, पे लेटर (बीएनपीएल) शामिल है।

First Published : July 29, 2024 | 11:09 PM IST