फंड के संकट से जूझ रहे रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए एक अच्छी खबर। प्रूडेंशियल और वारबर्ग पिनकस जैसी ब्लू चिप वित्तीय संस्थाएं शहर के रियल एस्टेट डेवलपर मेट्रो कॉर्प में 30 करोड़ डॉलर के निवेश के लिए राजी हो गई है।
मेट्रो कॉर्प एक तीन साल पुरानी फर्म है जो इस समय तीन प्रोजेक्टों पर काम कर रही है। इसके साथ ही उसकी पूरे देश में आवासीय, व्यावसायिक और टॉउनशिप और सेज के 21 प्रोजेक्टों की योजना है।
यह माना जा रहा है कि मेट्रो कॉर्प वेरियस स्पेशल परपोज व्हीकल (एसपीवी) के माध्यम से 30 करोड़ डॉलर एकत्र करेगा जो 200 एकड़ के करीब क्षेत्र में होने वाले डेवलपमेंट में व्यय किए जाएंगे। ग्रुप के चेयरमैन और सीईओ दीपक कृष्णप्पा ने इस बारे में कोई भी टिप्पणी करने से इंकार करते हुए बस इतना ही कहा इस समय अपने प्रोजेक्टों के लिए धन जुटाने के लिए कई प्राइवेट इक्विटी फंडों से बातचीत जारी है।
बताया जाता है कि कंपनी ने पूरे देश में 6,000 एकड़ में डेवलपमेंट करने के लिए कई भू मालिकों से करार किया है। वारबर्ग लंबे समय से अपने डायवर्सिफाइड प्रायवेट इक्विटी फंडों के माध्यम से कई देशों के कई क्षेत्रों में निवेश करता रहा है। कंपनी ने 1971 में अपने पहले संस्थागत फंड की स्थापना की थी। वह पिछले तीन दशकों में 30 अरब डॉलर की पूंजी एकत्र कर चुकी है।
2006 में उसने वारबर्ग पिंकस रियल एस्टेट आई एलपी फर्म को बंद कर दिया था। यह 1.2 अरब डॉलर का फंड दुनियाभर में रियल एस्टेट निवेश करता था। प्रूडेंशियल कॉर्पोरेशन एशिया फंड मैनेजमेंट संस्थागत और आंतरिक परिसंपत्ति, इक्विटी में निवेश, फिक्स्ड इन्कम, प्रॉपर्टी और प्राइवेट इक्विटी के 19.6 अरब डॉलर के फंड का प्रबंधन करता है।
मेट्रोकार्प से पहले बंगलूरु स्थित लेंउ बैंक और रियल एस्टेट डेवलपर सेंचुरी ग्रुप ने गोल्डमैन सैक्स और फोर्टि्रज से 30 करोड़ डॉलर जुटाए थे। अब सेंचुरी बंगलूरू अंतर्राष्ट्रीय विमानतल के करीब 12 एकड़ के प्लाट के विकास के लिए 20 करोड़ डॉलर की राशि जुटाने की योजना बना रही है।
उद्योग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि बंगलूरु रियल एस्टेट क्षेत्र को बेहद कम संख्या में इस तरह के प्राइवेट इंक्विटी फंड मिल रहे हैं। अभी ज्यादा समय नहीं बीता है जब खुद प्राइवेट इक्विटी निवेशक इस क्षेत्र में जमकर निवेश करने की इच्छा रखते थे। उन्होंने कहा, यह कहा जा रहा है कि पीई फंड ने कुछ ज्यादा ही नियामतें शहर के रियल एस्टेट क्षेत्र पर बख्शी हैं।