बीमा से करें अपने घर की सुरक्षा

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 2:12 AM IST

जलवायु परिवर्तन के कारण प्राकृतिक आपदाएं आने की घटना बढ़ती जा रही है। हाल में ही महाराष्ट्र और गोवा की राजधानी पणजी में बाढ़ एवं भूस्खलन के कारण सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। हालांकि बीमा सुरक्षा लेकर आप इन प्राकृतिक आपदाओं-बाढ़, चक्रवात, तूफान, भूकंप, ओलावृष्टि, भूस्खलन आदि- से होने वाला वित्तीय नुकसान कम कर सकते हैं। इस समय बाजार में तीन तरह की आवास बीमा पॉलिसियां उपलब्ध हैं। इनमें एक है इमारत/घर की बीमा पॉलिसी, दूसरी है घर में रखे सामान की बीमा पॉलिसी और तीसरी है समग्र बीमा पॉलिसी यानी घर एवं घर में रखे सामान दोनों का ही बीमा।

इमारत का बीमा
इस पॉलिसी में इमारत का ढांचा या केवल घर (जमीन का नहीं) का बीमा किया जाता है। पॉलिसी के तहत आग, विस्फोट, आकाशीय बिजली, आंधी और बाढ़ से नुकसान होने पर क्षति-पूर्ति की जाती है। इन दिनों कई आवासीय सोसाइटी ऐसी बीमा पॉलिसी खरीदकर रखरखाव शुल्क (मेन्टेनेंस चार्ज) के जरिये वहां रहने वाले लोगों से प्रीमियम लेती हैं।
ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक पंकज मठपाल कहते हैं, ‘यह जरूर मालूम कर लें कि जिस इमारत में आपका घर है उसका बीमा हुआ है। अगर बीमा नहीं हुआ है तो सोसाइटी प्रबंधन से इसे खरीदने के लिए कहें या स्वयं खरीदें।’ इस पॉलिसी में मुख्य रूप से मकान या इमारत बनाने पर आने वाला खर्च शामिल होता है।

सामान का बीमा
इस बीमा पॉलिसी में घर में रखी मूल्यवान वस्तुओं जैसे आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक सामान, फर्नीचर, पेन्टिंग्स आदि की चोरी या इन्हें होने वाले नुकसान से सुरक्षा का प्रावधान है। मकान मालिक और किरायेदार दोनों ही यह बीमा पॉलिसी खरीद सकते हैं। बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस में मुख्य तकनीकी अधिकारी टी ए रामलिंगम कहते हैं, ‘इन दिनों घर में मौजूद सामान की कीमत घर की कीमत से भी अधिक होती है।’ पॉलिसी एक्स के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) नवल गोयल कहते हैं, ‘केवल महंगी वस्तुओं का ही बीमा कराएं नहीं तो प्रीमियम खासा बढ़ जाएगा।’
 
समग्र बीमा
समग्र बीमा पॉलिसियों में घर और इसमें रखी वस्तुओं दोनों को हुए नुकसान की भरपाई होती है। रामलिंगम कहते हैं, ‘हम अक्सर देखते हैं कि बाढ़ के दौरान पानी घर के अंदर घुस जाता है और सामान के साथ ही इमारत को भी नुकसान पहुंचा देता है। इन घटनाओं में होने वाले वित्तीय नुकसान से बचने के लिए समग्र बीमा पॉलिसी जरूरी हो जाती है। इससे हमें उन कीमती वस्तुओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर पाते हैं जिन्हें अर्जित करने में हम पूरी जिंदगी की कमाई लगा देते हैं।’ अपनी जरू रतों के हिसाब से पॉलिसी तैयार करने के लिए आप अस्थायी पुनर्वास बीमा, किराये का नुकसान, चाबी एवं ताला बदलने आदि के लिए एड-ऑन पॉलिसियां ले सकते हैं।

मानक पॉलिसी
आप बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) द्वारा तय बीमा प्रावधानों के तहत मानक घर बीमा पॉलिसी ‘भारत गृह रक्षा’ खरीदने के विकल्प पर भी विचार कर सकते हैं। कुछ मानक खूबियों की वजह से इस पॉलिसी की खरीदारी बेहिचक कर सकते हैं। इस पॉलिसी में इमारत एवं सामान दोनों की सुरक्षा होती है। यह पॉलिसी अंडरइंश्योरेंस से भी पूरी छूट देती है। इसका मतलब यह हुआ कि आपकी बीमा कंपनी इस बात की पड़ताल नहीं करेगी कि बीमित रकम बीमित वस्तुओं के मूल्य के बराबर है या नहीं। यह आपको पहले से तय बीमित रकम आवंटित करेगी।

इन बातों का रखें ध्यान
पॉलिसी की सूक्ष्म बातों का गहराई से अध्ययन करें। कैरोस कैपिटल के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक ऋषद मनेकिया कहते हैं, ‘अपनी बीमा पॉलिसी के तहत बीमित राशि, पॉलिसी के दायरे से बाहर की चीजें सहित यह भी समझने की कोशिश करें कि दावे कब किए जा सकते हैं और कितनी रकम के लिए की जा सकती है।’ उदाहरण के लिए घर की बीमा पॉलिसी में भूकंप से हुए नुकसान से सुरक्षा शामिल होती है। मगर कुछ बीमा पॉलिसियों में प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप आदि के मामले में 5-10 प्रतिशत डिडक्टिबल की शर्त जुड़ी रहती है। डिडक्टिबल का मतलब है कि बीमाधारक को दावे का कुछ हिस्सा अपनी जेब से भुगतान करना होता है। इसका ध्यान रखें कि नकदी एवं कागजात बीमा का हिस्सा नहीं होते हैं जबकि आभूषण एवं अन्य मूल्यवान वस्तुएं कुछ शर्तों केे साथ पॉलिसी में शाामिल किए जाते हैं।
बीमा पॉलिसी खरीदते वक्त आवेदन में बीमित वस्तुओं से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारी का जिक्र जरूर करें और सभी बीमित वस्तुओं की रसीद रखें क्योंकि दावा करने के दौरान इनकी जरूरत होगी। चूंकि, रियल एस्टेट की कीमतें घटती-बढ़ती रहती हैं इसलिए मकान दोबारा तैयार करने पर आने वाले खर्च का जायजा लेने के लिए विभिन्न ठेकेदारों से बात करें और उसके बाद ही बीमित रकम पर निर्णय लें।
 

First Published : August 2, 2021 | 12:52 AM IST